अर्थव्‍यवस्‍था

2 साल में अमरीका झेलेगा मंदी का दौर, फेल होंगे डोनाल्ड ट्रंप के दावे

एक सर्वे में अधिकतर आर्थिक विशेषज्ञों ने माना कि दो साल के अंदर मंदी में फंसेगा अमरीका।
Recession: साल 2020 में हो सकती है अमरीका में मंदी की शुरुआत।
Trade War: चीन के साथ ट्रेड डील पर भी संशय।

Aug 20, 2019 / 08:40 am

Ashutosh Verma

नई दिल्ली। दुनियाभर के कई देशों पर आर्थिक संकट का खतरा बढ़ता जा रहा है। आर्थिक विशेषज्ञों के बीच एक सर्वे में बहुमत की राय यदि मानी जाए तो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमरीका दो साल के अंदर मंदी में फंसने जा रही है।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अमरीका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के कदमों से इस मंदी की शुरुआत का संभावित समय पीछे टाल दिया गया है। यह सर्वे रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका के मंदी में घिरने की बात का विरोध किया है।

ट्रंप को अर्थव्यवस्था पर भरोसा

अमरीका में पिछले सप्ताह जारी साप्ताहिक आर्थिक आंकड़ों में भी कुछ मिली जुली तस्वीर उभर रही है। ट्रम्प ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘मैं हर बात के लिए तैयार हूं। मुझे नहीं लगता कि हम मंदी में पड़ेंगे। हम बहुत अच्छा चल रहे हैं। हमारे उपभोक्ता धनी हैं। मैंने उन्हें टैक्स में जबरदस्त छूट दी है, उनके पास खूब पैसा है और वे खरीदारी कर रहे हैं। मैंने वालमार्ट के आंकड़े देखें हैं उन्हें छप्पर फाड़ आमदनी हो रही है।”

इसके बाद गत रविवार को ट्रंप ने एक ट्वीट कर भी कहा कि अमरीकी अर्थव्यवस्था सबसे मजबूत है और आगे भी इसमें बेहतरी देखने को मिलेगा।

https://twitter.com/realDonaldTrump/status/1163169730477395968?ref_src=twsrc%5Etfw

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2020 से शुरू हो जायेगा अमरीका में मंदी का दौर

कंपनियों के अर्थशास्त्रियों के संगठन ‘नेशनल एसोसिएशन फार बिजनेस इकॉनमिस्ट्स (एनएबीई)’ के ताजा सर्वे में फरवरी की तुलना में विशेषज्ञों की संख्या काफी कम हुई है जो यह मानते हैं कि अमरीका में मंदी का दौर इसी वर्ष (2019) में शुरू हो जाएगा। एनएबीई ने यह सर्वे 31 जुलाई को फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दर कम किए जाने के पहले किया था। इससे पहले ट्रम्प फेडरल रिजर्व पर नीतिगत ब्याज ऊंची रख कर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते रहे थे।

फेडरल रिजर्व पहले से संकेत दे रहा था कि वह अर्थव्यवस्था के आगे के आउटलुक को लेकर चिंता को देखते हुए ब्याज दर बढ़ाने की नीतिगत दिशा में बदलाव कर सकता है। फेड ने 2018 में नीतिगत दर बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था।

रिपोर्ट में आगे क्या कहा गया

एनएबीई के अध्यक्ष और केपीएमजी के मुख्य अर्थशास्त्री कांस्टैंस हंटर ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति में बदलाव से अर्थव्यवस्था में विस्तार का दौर कुछ और समय तक चल सकता है। इस सर्वे में 226 में केवल 2 फीसदी ने कहा कि मंदी इसी साल शुरू हो सकती है। फरवरी में ऐसा मानने वाले 10 फीसदी थे।

हंटर ने कहा कि मंदी 2020 में आएगी या 2021 में, इस बात पर राय बिल्कुल बंटी नजर आई। 38 फीसदी अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अमरीका अगले साल मंदी में पड़ सकता है जबकि 34 फीसदी ने कहा कि यह इससे अगले साल (2021) से पहले नहीं होगा।

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फेड रिजर्व एक बार और ब्याज दरों में कटौती कर सकता है

इनमें 46 फीसदी अर्थशास्त्रियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व इस साल नीतगत ब्याज दर में एक बार और कटौती करेगा, लेकिन एक तिहाई ने इस साल नीतिगत ब्याज दर के वर्तमान स्तर पर बने रहने की संभावना जताई है। उनका कहना है कि नीतिगत ब्याज दर का टॉप लेवल 2.25 फीसदी तक सीमित रहेगा।

केवल दिखावे के लिए हो सकता है चीन के साथ ट्रेड डील

अर्थशास्त्रियों को चीन के साथ व्यापार समझौता होने पर संदेह है। सर्व में 64 फीसदी ने कहा कि ‘शायद दिखावे के लिए कोई समझौता हो जाए।’ लेकिन यह सर्वे ट्रम्प के उस फैसले के पहले का है जिसमें ट्रम्प ने चीन के साथ व्यापार में बाकी बची 300 अरब डॉलर के आयात पर 10 फीसदी की दर से शुल्क लगाने का फैसला किया था। यह कदम दो चरणों में, 1 सितंबर और 5 दिसंबर को लागू होगा।

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