यह भी पढ़ेंः- महात्मा गांधी मर्डर केस में नाथूराम गोडसे का वो अंतिम बयान, जिसे सुनकर आंखें हो गई थी नम
शहरी बेरोजगारी में भी इजाफा
अगर बात शहरी बेरोजगारी की करें तो एक सप्ताह पहले की तुलना में तीन फीसदी अधिक बढ़कर 14.71 फीसदी हो गई है। वहीं राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 8.67 फीसदी से बढ़कर 14.45 फीसदी हो गई, जो दूसरी कोविड लहर के बीच नौकरियों के संकट को उजागर करती है। जानकारों की मानें तो आने वाले सप्ताहों में राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर में और ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकता है। जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच में 1 करोड़ लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
यह भी पढ़ेंः- 18 राज्यों के चीफ मिनिस्टर्स से कम है केरल के मुख्यमंत्री की सैलरी, पी. विजयन को हर महीने मिलेंगे इतने रुपए
यह आंकड़े भी सामने आए
सीएमआईई के अनुसार, रोजगार दर और श्रम बल भागीदारी दर में काफी कमी आई है। अखिल भारतीय स्तर पर रोजगार की दर 16 मई को समाप्त सप्ताह में गिरकर 34.67 प्रतिशत हो गई, जो एक सप्ताह पहले 37.72 प्रतिशत थी। इस दौरान ग्रामीण रोजगार दर 39.84 फीसदी से घटकर 36.26 फीसदी रह गई है। जानकारों की मानें तो फसल के मौसम और मानसून तक बुवाई के बीच का अंतर, कृषि क्षेत्र में अवशोषण कम होगा।
यह भी पढ़ेंः- चीन के बयान के बाद Bitcoin Price Crash, 1 हफ्ते में 16 हजार डॉलर हुआ सस्ता
आखिर क्यों बढ़ी गांवों में बेरोजगारी
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि उच्च संक्रमण दर और शहरी समूहों में तालाबंदी के कारण रोजगार के अवसरों की कमी ने लोगों को अपने गांवों के लिए छोडऩे के लिए मजबूर किया। लेकिन ग्रामीण इलाकों में आय के पर्याप्त अवसर नहीं हैं। इसके अलावा, ग्रामीण तालाबंदी और कफ्र्यू ने औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में लोगों को बेरोजगार कर दिया है, और मई में कृषि गतिविधि में कमी बेरोजगारी को बढ़ा रही है।