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इन चार कंपनियों के नतीजे
जून की तिमाही चार सबसे बड़ी इनरवियर्स कंपनियों के लिए काफी खराब रही है। रिपोर्ट की मानें तो उनका यह बीते 10 सालों का सबसे खराब प्रदर्शन है।इनरवेयर सेल्स ग्रोथ में जून तिमाही में भारी गिरावट देखने को मिली है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार बड़ी इनरवेयर कंपनियों के तिमाही नतीजे एक दशक में सबसे कमजोर रहे हैं। जॉकी ब्रांड के इनरवेयर्स की बात करें तो सिर्फ फीसदी की बढ़ेतरी देखने को मिली है। जो 2008 के बाद सबसे खराब ग्रोथ रेट है। पहीं डॉलर इंडस्ट्रीज में 4 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं 20 फीसदी की गिरावट वीआईपी क्लोदिंग में देखने को मिली है। जबकि लक्स इंडस्ट्रीज की सेल फ्लैट रही है।
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मेन्स अंडरवेयर इंडेक्स
यूएस फेडरल रिजर्व के पूर्व चेयरमैन एलन ग्रीनस्पैन द्वरा तैयार ‘मेन्स अंडरवेयर इंडेक्स’ के अनुसार, पुरुषों के अंडरवेयर की बिक्री में गिरावट अर्थव्यवस्था की खराब हालत को दिखाता है। इनरवेयर सेल्स इस बात का संकेतक हो सकता है कि भारतीय उपभोक्ता विवेकाधीन खर्च के लिए बजट बढ़ाने में संघर्ष कर रहे हैं।
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कचरा इंडेक्स
यह इंडेक्स भी बड़ा ही दिलचस्प है। यह इंडेक्स कम उत्पादन की ओर इशारा करता है। उत्पादन कम होगा तो कचरा भी कम ही होगा। गारबेज यानी कचरा इंडिकेटर का अमरीकी इकॉनमिक ग्रोथ 2001 से 2012 के साथ 82.4 फीसदी सांख्यिकी मिलान है।
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डायपर रैशेज इंडिकेटर
इस इंडीकेटर के पीछे की धारणा है कि मंदी के दौरान खर्च में कटौती के लिए पैरेंट्स बच्चों का डायरपर कम बदलते हैं। जिसकी वजह से बच्चों को अधिक रैशेज होते हैं। जिसके बाद रैशेज को कम करने के लिए क्रीम की सेल में इजाफा हो जाता है और डायपर्स की सेल में कटौती हो जाती है।
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