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यह प्रोजेक्ट्स बनाएंगे नरेंद्र मोदी के चुनावी सफर को आसान, खर्च किए हैं 2 लाख करोड़

देश के बड़े एक्सप्रेस वे नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री का रास्ता दिखाएंगे, जिनका बजट 2 लाख करोड़ रुपए है।

May 29, 2018 / 11:16 am

Saurabh Sharma

PM Modi

यह प्रोजेक्ट्स बनाएंगे नरेंद्र मोदी के चुनावी सफर को आसान, खर्च किए हैं 2 लाख करोड़

नर्इ दिल्ली। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया। देश में एेसे कर्इ एक्सप्रेस वे बनकर तैयार होने वाले हैं जिसपर नरेंद्र मोदी का चुनावी सफर फर्राटा भरने को तैयार है। जानकारों की मानें तो देश के यही बड़े एक्सप्रेस वे नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री का रास्ता दिखाएंगे। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इन एक्सप्रेस पर वे देश का 2 लाख करोड़ रुपए लगा हुआ है। या यूं कहें कि यह 2 लाख करोड़ रुपए ही नरेंद्र मोदी को दोबारा से पीएम की कुर्सी पर बिठाएंगे। आइए जानते हैं कि कौन से वो एक्सप्रेस वे…

डेडिके‍टेड फ्रेट कॉरिडोर
– करीब 12 साल पहले शुरू हुआ था डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का पहला फेज।
– मोदी सरकार के कार्यकाल में होगा पूरा।
– इस काॅरीडोर से गुड्स ट्रेन 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी।
– इस पर कुल 81459 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है।
– रेलवे का दावा है कि अगस्‍त 2018 में पहला फेज शुरू हो जाएगा।
– वेस्‍टर्न फ्रेट कॉरिडोर दिल्‍ली के निकट दादरी से शुरू होगा और लगभग 1500 किलोमीटर दूर मुंबई में जवाहर लाल नेहरू पोर्ट पर खत्‍म होगा।
– इसी तरह लगभग 1800 किलोमीटर लंबा वेस्‍टर्न फ्रेट कॉरिडोर पंजाब के लुधियाना से शुरू होगा और पश्चिम बंगाल के दनकुनी पर खत्‍म होगा।
– वेस्‍टर्न और ईस्‍टर्न दोनों का पहला फेज नवंबर से शुरू होगा।
– वेस्‍टर्न कोरिडोर पर 432 किेलोमीटर और ईस्‍टर्न कोरिडोर पर 343 किलोमीटर रूट पर ऑपरेशन शुरू हो जाएगा।
– दूसरा फेज 2019 और पूरा प्रोजेक्‍ट 2020 तक पूरा होने की उम्‍मीद है।

दिल्‍ली-जयपुर एक्‍सप्रेस-वे
– दो घंटे में दिल्‍ली से जयपुर ? पहुंचने के लिए 225 किमी एक्‍सप्रेस-वे की शुरुआत यूपीए कार्यकाल में शुरू हुर्इ।
– इसे 2016 में बन जाना चाहिए था, लेकिन कई तरह की बाधाओं को दूर करने के बाद अब मोदी सरकार ने इस डेडलाइन 31 मार्च 2019 तय की है।
– प्रोजेक्‍ट की मुख्‍य बाधा लैंड एक्विजिशन है, जिसे दूर कर लिया गया है।
– यह प्रोजेक्ट लगभग 18 हजार करोड़ रुपए का है।

दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेस-वे
– मात्र 60 मिनट में दिल्‍ली से मेरठ पहुंचाने वाला दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेस-वे भी मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है।
– इसका पहला फेज खत्म हो चुका है आैर संचालन भी हो गया है।
– इसके बाकी फेज को मार्च 2019 से पहले पूरा करने की योजना है।
– इसकी प्रोजेक्‍ट कॉस्‍ट 1057 करोड़ रुपए है।

वाराणसी हाईवे
– प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए एक बड़ा प्रोजेक्‍ट है।
– इसमें 178 किमी हाईवे का चौड़ीकरण करना है।
– इस पर 2200 करोड़ रुपए खर्च होने हैं।
– डेडलाइन मई 2018 मिस हो चुकी है, लेकिन पीएम ने यूपी सरकार को 2019 – आम चुनाव से पहले इस प्रोजेक्‍ट को पूरा करने को कहा है।

चार धाम यात्रा प्रोजेक्‍ट
– मोदी सरकार ने साल 2017 में ऑल वेदर रोड प्रोजेक्‍ट की शुरुआत की थी।
– इस पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है।
– इस प्रोजेक्‍ट को पूरा करने की डेडलाइन पहले मार्च 2019 तय की गई थी।
– अब प्रोजेक्‍ट की डेडलाइन एक साल के लिए बढ़ा दी गई है।
– NHAI एक बड़े हिस्‍से को मार्च 2019 तक चालू करने की योजना बना रहा है।

चिनाब पर सबसे ऊंचा ब्रिज
– रेलवे ने साल 2002 में जम्‍मू-कश्‍मीर में चिनाब नदी पर एफिल टॉवर से भी ऊंचा पुल बनाने की योजना बनाई थी।
– लगभग 1.315 किमी लंबा और 359 मीटर ऊंचा इस पुल की पहली डेडलाइन 2009 थी, लेकिन काम रोक दिया गया।
– 2010 में काम शुरू तो हुआ, लेकिन गति नहीं पकड़ पाया।
– मोदी सरकार ने इसे नई स्‍पीड दी और अब टारगेट है कि मार्च 2019 से पहले इसे पूरा कर दिया जाए।
– इस प्रोजेक्‍ट की कॉस्‍ट 1198 करोड़ रुपए बताई गई है।

सेतु भारतम
– मार्च 2016 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए सेतु भारतम प्रोजेक्‍ट का मकसद सभी नेशनल हाईवे को रेलवे फाटक मुक्‍त करना है।
– इसके तहत 208 रेलवे फाटक पर रेल ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं।
– इस पर लगभग 20 हजार 800 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
– ये सभी आरओबी मार्च 2019 तक बनकर तैयार हो जाएंगे।
– इस प्रोजेक्‍ट के तहत ब्रिटिश काल के लगभग 1500 पुल को भी रिप्‍लेस किया जाना है, जो 2022 तक पूरे हो पाएंगे।


स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश में 100 स्‍मार्ट सिटी हों।
– 2019 में होने वाले चुनाव से पहले यह सपना पूरा नहीं हो पाएगा
– लेकिन 20 शहरों में स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट्स शुरू हो जाएंगे।
– सरकार द्वारा इस मिशन पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है।

वेस्‍टर्न पेरिफेरल एक्‍सप्रेस-वे
– राजधानी दिल्‍ली के चारों ओर पेरिफेरल एक्‍सप्रेस-वे बनाने को लेकर भी मोदी सरकार बेहद सक्रिय है।
– ईस्‍टर्न पेरिफेरल एक्‍सप्रेस-वे का काम तो पूरा हो चुका है
– अब सरकार का टारगेट है कि जून 2018 तक वेस्‍टर्न पेरिफेरल एक्‍सप्रेस-वे भी पूरा हो जाए।
– इस पर लगभग 1850 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है।

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