अर्थव्‍यवस्‍था

छोटे बिजनेसमैन को हाईटेक बनाने की कवायद शुरू, रिसर्च के लिए दिये जाएंगे 50 लाख रुपए

छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमई) को E-Commerce जो जोड़ने और इनके सभी प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।

Apr 16, 2020 / 10:55 am

Pragati Bajpai

नई दिल्ली : लॉकडाउन की वजह से हर वर्ग का लाइन में पीछे खड़ा इंसान सबसे ज्यादा परेशान हुआ है । और बिजनेस कम्यूनिटी की बात करें तो छोटे और मझोले स्तर पर काम करने वाले उद्मी पर इसका सबसे बुरा असर पड़ा है। इसीलिए नीति आयोग ने इन सभी उद्योग धंधो को ई कामर्स से जोड़नेकी कवायद शुरू कर दी है। छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमई) को E-Commerce जो जोड़ने और इनके सभी प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इसके अलावा इस योजना की व्यवहारिकता का भी अध्ययन किया जाएगा और इसके लिए इच्छुक संस्थानों से प्रपोजल मंगवाएं गए हैं। किसी भी संगठन को इस विषय पर अध्ययन करने के लिए अधिकतम 50 लाख रुपए दिए जाएंगे।

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ऑनलाइन बिक्री के लिए मिलेंगे ये उत्पाद- नीति आयोग की योजना सफल रही तो छोटे उद्यमियों द्वारा बनाए जाने वाले सभी प्रोडक्ट्स डायरेक्टली ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बिक्री के लिए मिलेंगे । रिस्र्च के तहत के तहत इस योजना की कमियों को पहचानने के साथ एसएमई को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से प्रभावी तरीके से जोड़ने के लिए जरूरी सुझाव दिए जाएंगे।

यहं ध्यान देने वाली बात ये है कि रिसर्च में सिर्फ नए वेंचर्स को नहीं बल्कि सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे मार्केट प्लेस (जैसे एनएसआईसी बाजार, वीएलई बाजार, एमएसएमईमार्ट डॉट कॉम, सीएसई बाजार, जीईएम) को कैसे बेहतर बना सकते हैं । इस बात का भी अध्ययन किया जाएगा।

भारत में फिलहाल करीब 6.4 करोड़ एमएसएमई काम कर रहे हैं। ये उद्योग धंधे देश के एक बड़े वर्ग को रोजगार देता है।

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