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छोटी आय वालों को सरकार की बड़ी राहत
वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार सरकार ने तीन महीने तक मार्च से मई तक 15 हजार से कम सैलरी वाले कर्मचारियों के खाते में इंप्लाई और इंप्लायर का हिस्सा डाल चुकी है और अब आगे तीन महीने तक और यह राहत सरकार कर्मचारियों को देगी। सरकार के अनुसार ऐसी कंपनियों और कर्मचारियों को सरकार की ओर से कुल 6 महीने की राहत दी जा रही है। सरकार की इस घोषणा से करीब 80 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। वहीं 3.6 लाख से ज्यादा संस्थाओं को राहत मिलेगी। इस घोषणा के तहत इसका फायदा उन्हीं कंपनियों और कर्मचारियों को मिलेगा जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपए से कम पाते हैं। आपको बता दें कि इस घोषणा के तहत सरकार 2500 करोड़ रुपए की राहत दे रही है।
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ताकि बढ़ सके टेक होम सैलरी
इस संकट की घड़ी उन कर्मचारियों और इंप्लोयर को भी राहत देने का प्रयास किया गया है, जिनकी सैलरी 15 हजार रुपए से ज्यादा और 100 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इस संकट की घड़ी में रुपयों की कमी ना हो कर्मचारी और इंप्लोयर को राहत देते हुए पीएफ कंट्रीब्यूशन में कमी कर दी गई है। अब दोनों के लिए पीएफ कंट्रीब्यूशन 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इसे भी अगस्त के लिए कर दिया गया है। यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए लागू नहीं होगी जो पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत 24 फीसदी का पीएफ पा रहे हैं। इस स्कीम से देश के 6.54 लाख कंपनियों के 4.3 करोड़ कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा। सरकार इस योजना के तहत 6750 करोड़ रुपए की राहत दे रही है।
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पब्लिक सेक्टर कंपनियों देंगी 12 फीसदी
वहीं दूसरी ओर देश की वित्त मंत्री ने इस बात को स्पष्ट किया कि 12 फीसदी से 10 फीसदी का पीएफ कंट्रीब्यूशन का पब्लिक सेक्टर कंपनियों को नहीं मिलेगा। उन कंपनियों को अपने कर्मचारियों के खातों में 12 फीसदी ही कंट्रीब्यूशन देना होगा। इसके सेंट्रल गवर्नमेंट और राज्य सरकार के तहत आने वाली सभी सरकारी कंपनियों पर लागू होगा। मतलब साफ है कि सरकार ने मिडिल और अपर मिडिल क्लास जोकि महीने के अंत में अपनी सैलरी पर डिपेंड रहती है उनपर राहत की बौछार की है। यह बौछार प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों को ज्यादा राहत देगी।