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पहले आरबीआई उठा चुका है ऐसा कदम
रिजर्व बैंक ने कहा कि वो खुले बाजार की गतिविधियाें को देखते हुए 20 जून को अलग-अलग मेच्योरिटी अवधि वाले पांच सरकारी बांड खरीदेगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि व्यवस्था में तरलता की स्थिति का आकलन करने और आने वाले समय में टिकाऊ तरलता जरूरत को देखते हुए रिजर्व बैंक ने खुले बाजार की गतिविधियों के तहत पांच सरकारी प्रतिभूतियां खरीदने का निर्णय किया है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने 11 जून को अलग-अलग परिपक्वता अवधि वाले छह सरकारी बांड की खरीद कर 15,000 करोड़ रुपये की पूंजी अर्थव्यवस्था में डाली थी।
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क्या होता है लिक्विडिटी
केंद्रीय बैंक 2021 मेच्योरिटी बाॅन्ड का 7.94 फीसदी, 2025 बाॅन्ड का 7.72 फीसदी, 2027 मेच्योरिटी बाॅन्ड का 6.79 फीसदी, 2030 मेच्योरिटी बाॅन्ड का 7.61 फीसदी और 2034 मेच्योरिटी बाॅन्ड का 7.73 फसदी खरीदकर बाजार में 12,500 करोड़ रुपए की नकदी डालेगा। जब बाजार अब कोई सामान खरीदना होता है और उसकी उपलब्धता बनी रहती है तो माना जाता है उस वस्तु में पर्याप्त तरलता है। इसी प्रकार अर्थव्यवस्था में पैसे की लिक्विडिटी के बारे में होता है। बाजार में पर्याप्त नकदी की मात्रा को लिक्विडिटी कहते है। नकदी को तरलता के लिए मानक माना जाता है क्योंकि यह अन्य संपत्तियों में सबसे तेज़ी से और आसानी से परिवर्तित की जा सकती है।