केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सोमवार को यह स्पष्टीकरण बिहार में आधार नंबर नहीं होने की वजह से राशन कार्ड निरस्त होने संबंधी एक खबर पर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से दिसंबर सात फरवरी, 2017 को जारी अधिसूचना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी लाभार्थियों के राशन कार्ड से उनके आधार नंबर की सीडिंग पूरा करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर, 2020 तक कर दी गई है।
राशन कार्ड नहीं होंगे निरस्त
विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उक्त तिथि तक किसी भी सही लाभार्थी को सिर्फ इस वजह से खाद्यान्न के कोटे से वंचित नहीं किया जाएगा कि उनका राशन कार्ड आधार नंबर से जुड़ा नहीं है और सिर्फ इस आधार पर किसी भी लाभार्थी का नाम नहीं हटाया जा सकता है और न ही राशन कार्ड को निरस्त किया जा सकता है। विभाग ने इस संबंध में फिर निर्देश जारी करते हुए कहा कि लाभार्थियों के बायोमेट्रिक या आधार की पहचान नहीं हो पाने की वजह से एनएफएसए के तहत किसी को खाद्यान्न से वंचित नहीं किया जाएगा।
90 फीसदी हुए लिंक
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के मंत्रालय के तहत आने वाले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा कि मौजूदा संकट के दौरान व्यावहारिक नजरिया रखने की जरूरत है, ताकि कोई गरीब और योजना के योग्य लाभार्थी परिवार खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित न रहे।
विभाग ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अथक प्रयास से कुल 23.5 करोड़ राशन कार्ड में से तकरीबन 90 फीसदी कार्ड को पहले ही आधार नंबर से जोड़ा जा चुका है, जबकि पीडीएस के करीब 80 करोड़ लाभार्थियों में से 85 फीसदी के आधार नंबर उनके संबंधित राशन कार्ड से जोड़े जा चुके हैं।