अर्थव्‍यवस्‍था

आर्थिक सुस्ती और कोरोना वायरस पर रघुराम की सरकार को सलाह, पहले दें इन पर ध्यान

आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कोरोना वायरस के कहर पर दी अपनी अहम सलाह
आर्थिक सुस्ती पर केंद्र को ठहराया जम्मेदार, पटरी पर लौट सकती है जीडीपी

Feb 29, 2020 / 08:15 am

Saurabh Sharma

Raghuram rajan advice to govt on economic slowdown and corona virus

नई दिल्ली। पूर्व आरबीआई गवर्नर और मौजूदा समय में शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर रघुराम राजन ने कोरोना वायरस और भारतीय इकोनॉमी पर खुलकर बात की। ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सरकार इकोनॉमी को ठीक करने की जगह अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे पर ज्यादा ध्यान दे रही है। वहीं उन्होंने कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर के बाजारों में मचे कोहराम पर कहा कि पहले सरकारों को वायरस से बचने के उपायों पर काम करना होगा। इस वायरस से लडऩे के बाद प्रोत्साहन उपायों पर ध्यान देने कर जरुरत है।

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राजनीति है भारत में आर्थिक सुस्ती की जिम्मेदार
आईएमएफ पूर्व चीफ रघुराम राजन ने कहा कि देश में राजनीति ही आर्थिक सुस्ती का प्रमुख कारण है। चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मौजूदा केंद्र सरकार ने देश की इकोनॉमी पर ध्यान देने की जगह अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे को साधने पर ज्यादा ध्यान दिया।

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फिर से पटरी पर लौट सकती है
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की तुलना में अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे पर ज्यादा ध्यान दे रही है। आर्थिक सुस्ती की भी यही अहम वजह है। उन्होंने कहा कि अगर प्रमुख समस्याओं पर ध्यान दिया जाए तो फिर से विकास दर पटरी पर लौट सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है देश की इकोनॉमी को दोबारा से पटरी पर नहीं लाया जा सकता है, बस थोड़ा ध्यान देने की जरुरत है। उचित कदम उठाने के बाद देश की इकोनॉमी को बदतर हालातों से बाहर निकाला जा सकता है।

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पहले वायरस से लडऩे की जरुरत है
इंटरव्यू में उन्होंन? कोरोना वायरस ?? पर किए सवाल के जवाब में कहा कि पहले दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाओं को इससे लडऩे की जरुरत है। उन्होंने कहा कि बाद में आने वाले प्रोत्साहन उपायों के बारे में चिंता करने की जगह महामारी से लडऩा काफी जरुरी है।

उन्होंनेे कहा कि वैश्विक आपूर्ति चेन को देखें तो निश्चित रूप से कुछ पुरानी समस्याएं होंगी। अगर किसी तरह की कुछ गड़बड़ होती है तो पूरी चेन पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ अमरीका कार्पोरेशन के अर्थशास्त्रियों ने गुरुवार को ग्राहकों को चेतावनी दी कि इस वर्ष 2.8 फीसदी की वैश्विक विकास की उम्मीद कर रहे हैं, जो 2009 के बाद सबसे निचला स्तर है।

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