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पीएम केयर्स फंड से कोई परेशानी
महाराष्ट्र में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले पीएम केयर्स फंड की स्थापना पर सवाल उठाती दो याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था। वहीं जो मौजूदा याचिका हाईकोर्ट के अंदर अरविंद वाघमारे ने डाली है उसमें कहा गया है कि उन्हें फंड की स्थापना से किसी तरह की परेशानी नहीं है। उन्होंने खुद इस फंड में सहयोग किया है।
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इन मुद्दों से हैं परेशान
उनकी परेशानी इस बात से है कि पीएम केयर फंड ट्रस्ट के सदस्यों में सरकार के नुमाइंदों के अलावा सोसायटी के व्यक्तियों के पदों को अभी तक खाली क्यों रखा गया है। मौजूदा समय में ट्रस्ट में रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है। उन्होंने इस बात की भी जानकारी मांगी है कि इस निधि से होने वाला खर्च जनता के सामने लाने के लिए इसका कैग के जरिए ऑडिट होना चाहिए।
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दोनों मुद्दों पर सरकार को देना होगा जवाब
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह ने याचिका विरोध करते हुए कि इन मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में पहले ही याचिका खारिज हो चुकी हैं। अब हाईकोर्ट में इन बातों का कोई प्रश्र नहीं है। हाईकोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल सभी दलीलों को नकारते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुद्दों नजरअंदाज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ट्रस्ट में 3 लोगों की नियुक्ती क्यों नहीं नहीं हुई और फंड का रुपया कैसे ख्खर्च होगा, जनता को इन बातों को बारे में जानने का पूरा हक है। सरकार को दोनों मुद्दों पर 2 हफ्तों के अंदर कोर्ट में जवाब देने को कहा है।