नहीं होगी फंड की दिक्कत
मीडिया रिपोर्ट के हवाले के अनुसार इस फंड को चालू वित्त वर्ष के लिए प्रोविजनिंग कर दिया गया है। जानकारों की मानें तो फंड की किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। वैसे अभी तक वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry ) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। साथ ही विदेशी मीडिया की इस रिपोर्ट पर सरकार के किसी मंत्री की ओर से कोई कमेंट नहीं आया है।
होगी 80 हजार करोड़ रुपए की जरुरत
वैसे कुछ दिन पहले सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदर पूनावाला ( Adar Poonawala ) की ओर से बयान आया था कि पूरे देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम रन कराने के लिए सरकार को करीब 80 हजार करोड़ रुपए की जरुरत होगी। उन्होंने अपने बयान में इस बात का भी जिक्र किया था कि वैक्सीन की सरकारी खरीद के बाद इसकी डिलिवरी सबसे बड़ी समस्या होने वाली है।
स्विगी और जोमाटो ले सकते हैं सहारा
कुछ दिन पहले यह खबर भी आई थी वैक्सीन की सेफ्टी को लेकर सरकार ने सतर्कता अभी से बरतनी शुरू कर दी है और उसे सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की तलाश शुरू कर दी है। पूरे देश में वैक्सीन पहुंचाने के लिए सभी जगहों पर कोल्ड स्टोरेज होना अनिवार्य है। ऐसे में सरकार की ओर से कोल्ड स्टोरेज के लिए स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों के भी संपर्क किया है। जानकारों की मानें तो तालुका लेवल पर रेफ्रिजरेटर्स, कोल्ड स्टोरेज आदि की व्यवस्था काफी जरूरी है। ऐसे में टीका उपलब्ध कराने वाली अधिकतर कंपनियों को कोल्ड स्टोरेज की सप्लाई चेन की जरूरत होगी।