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टैक्स स्लैब में हो सकते हैं अहम बदलाव
जब से जीएसटी लागू हुआ है तब से टैक्स स्लैब काफी बदलाव हुए हैं। इस बार जिन बदलावों के बारे में विचार किया जा रहा है वो काफी अहम माने जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो जीएसटी काउंसिल 5 फीसदी के मौजूदा बेस टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 10 फीसदी तक करने पर विचार कर रही है। टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने को कोशिशों में जीएसटी काउंसिल मौजूदा 12 फीसदी का टैक्स स्लैब खत्म कर सभी 243 प्रोडक्ट्स को 18 फीसदी के टैक्स स्लैब लाने का विचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर उन वस्तुओं पर भी टैक्स लगाया जा सकता है जो अभी टैक्स फ्री हैं। सूत्रों की मानें तो ये सभी कर मुक्त वस्तुएं एवं सेवाएं जीएसटी के दायरे में आ सकती हैं। अनुमान के अनुसार अगर इस तरह के बदलाव जीएसटी में होते हैं तो सरकार के खजाने में 1 लाख करोड़ रुपए ज्यादा आने शुरू हो जाएंगे।
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लगातार कम हो रही है सरकार की कमाई
जब से जीएसटी लागू हुआ है तब से कई प्रोडक्ट्स पर टैक्स रेट में कटौती हुई है। जिसकी वजह से प्रभावी टैक्स रेट फीसदी से कम हो 11.6 फीसदी हो गया है। जिसकी वजह से सालाना दो लाख करोड़ रुपए की कमी टैक्स रेवेन्यू में आई है। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन की अध्यक्षता की समिति की सिफारिश के अनुसार 15.3 फीसदी की रेवेन्यू न्यूट्रल टैक्स रेट पर विचार करें तो घाटा बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपए जाएगा।
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इकोनॉमिक क्राइसिस बन रही है वजह
देश में लगातार आर्थिक संकट गहरा रहा है। जिसकी वजह से टैक्स रेवेन्यू में गिरावट की समस्या बढ़ी है। वहीं केंद्र सरकार को राज्यों के कर संग्रह में 14 फीसदी से कम वृद्धि होने की सूरत में अपने खाते से हर महीने करीब 13,750 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देना पड़ रहा है। एक आधिकारिक आकलन के मुताबिक, अगले वर्ष तक यह रकम बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है।