इस लॉकडाउन पारियड में सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को हुआ है जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। ग्लोबल अलायंस फॉर मास इंटरप्रिन्योरशिप (GAME) के चेयरमैन रवि वेंकटेसन का कहना है कि अगर ये लॉकडाउन 1-2 महीने भी बढा तो देश में चलने वाली 69 मिलियन (6.9 करोड़) माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइजेज में से 1.7 मिलियन दुकानों पर ताला लग जाएगा।
रोजगार देने वाला सबसे बड़ा सेक्टर-
भारत में काम करने वाले लोगों में से 93 फीसदी यानी लगभग 400 मिलियन लोग मुख्त तौर पर अस्थायी सेक्टर से आते हैं जबकि करीब 93 मिलियन लोगों को सीजनल रोजगार मिलता है। इसमें एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिसे मेडिकल और पेंशन जैसी सुविधाएं नहीं मिलती है।
100 करोड़ का फंड बनाने की हो रही है तैयारी-
छोटे कारोबार को बचाने के लिए करीब ये असोसिएशन लगभग 100 मिलियन डॉलर का फंड बनाने की कोशिश कर रहा है। अगले 15 दिनों में ये फंड जारी किया जा सकता है। इसके तहत छोटे कारोबार के लिए कम ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा।