कृष्णमूर्ति शिकागो से पीएचडी की उपाधि प्रप्त कर चुके हैं। उन्होंने अपनी पढ़ार्इ आर्इआर्इटी व आर्इआर्इएम से पूरी की है। कृष्णमूर्ति दुनियाभर में उन चुनिंदा विश्लेषकों में से हैं जिन्हे बैंकिंग, काॅर्पोरेट गवर्नेंस व आर्थिक नीतियों में विशेष जानकारी है। इसके पहले कृष्णमूर्ति कर्इ विदेश विश्वविद्यालयों में फाइनेंस के फैकल्टी के रूप में अकादमिक क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। रह चुके हैं। उन्होंने यूनवर्सिटी आॅफ शिकागो से फाइनेंशियल इकाेनाॅमिक्स में एमबीए व पीएचडी की डिग्री ली है।
अकादमिक करियर से पहले यहां कर चुके हैं काम
अकादमिक करियर की शुरुआत करने से पहले कृष्णमूर्ति न्यू याॅर्क में जेपी माॅर्गनक के में कंस्ल्टेंट की भूमिका निभा चुके हैं। आर्इसीआर्इसीआर्इ बैंक में एलिट डेरिवेटिव रिसर्च ग्रुप में भी काम कर चुके हैं। यह ग्रुप अपने समय में भारत का सबसे बड़ा वित्तीय संस्थान रह चुका है।
अरविदं सुब्रमण्यम के बाद होंगे अगले मुख्य आर्थिक सलाहकार
गौरतलब है कि कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम की यह नियुक्ति अरविंद सुब्रमण्यम के इस्तीफे के बाद हुर्इ है। अरविंद सुब्रमण्यम भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार 16 अक्टूबर 2014 को बने थे। बाद में उनके तीन साल के कार्यकाल को आगे भी बढ़ाया गया था। उनका दूसरा कार्यकाल मर्इ 2018 में समाप्त होने वाला था लेकिन उन्होंने समय से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे की जानकारी वित्त अरुण जेटली ने अपने फेसबुक ब्लाॅग पोस्ट के माध्यम से दी थी।
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