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क्यों तीसरे स्थान पर खिसका अमरीका
इस रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका के रैंक में इस गिरावट का कारण ईंधन की कीमतों में तेजी, कमजोर निर्यात, डॉलर की मूल्य में लगातार उतार-चढ़ाव प्रमुख तौर पर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ एशिया-पैसिफिक देशों की बात करें तो ये देश एडवांस टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया है। साथ ही, इन देशों ने ऐसी नीतियां भी बनाई है जिसस बिजनेस को सपोर्ट मिल सके और स्किल्ड वर्कफोर्स भी उपलब्ध हो।
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ये है दुनिया की 10 सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाएं
सिंगापुर और हांग-कांग एसएआर के बाद इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर अमरीका है। स्विटजरलैंड और यूएई भी टॉप 5 देशों में जगह बनाने में कामयाब रहा। नीदरलैंड, स्वीडन और डेनमार्क भी शीर्ष 10 प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। कतर 7वें स्थान पर है, जबिक आयरलैंड 10वें स्थान पर है। आईएमडी की इस रैंकिंग में जीडीपी , सरकारी खर्च, भ्रष्टाचार का स्तर और बेरोजगारी जैसे कुल 235 मापदंडों को ध्यान रखा जाता है।
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दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढऩे वाले शहरों में भारतीय शहर शीर्ष पर
भारत इस लिस्ट में भले ही शीर्ष पर जगह बनाने में कामयाब न रहा हो, लेकिन भारतीय शहर इस लिस्ट में सबसे आगे हैं। इस लिस्ट में भारत के सूरत, आगरा, बेंगलुरू, हैदराबाद, नागपुर, त्रिपुर, तिरूचिरापल्ली , चेन्नई और विजयवाड़ा शामिल हैं। साल 2035 तक जीडीपी के मामले में बेंगलुरू शीर्ष पर होगा।
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