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पाकिस्तान को 22वां राहत पैकेज
बता दें कि कई महीनों तक लगातार प्रयासों के बाद पाकिस्तान यह डील हासिल करने में कामयाब हुआ है। इसी के साथ यह पाकिस्तान का 22वां राहत पैकेज भी है। वित्त सलाहकार ने कहा कि देश पर विदेशी कर्ज 90 अरब डॉलर से भी अधिक बढ़ गया है और बीते पांच सालों में निर्यात ग्रोथ भी निगेटिव हो गया है। पाकिस्तानी वित्तीय सलाहकार अब्दुल हफीज शेख ने कहा, “पाकिस्तान को आईएमएफ से 6 अरब डॉलर का राहत पैकेज मिलेगा। इसके अतिरिक्त हमें विश्व बैंक और एशिया डेवलपमेंट बैंक से भी 2 से 3 अरब डॉलर की रकम मिलेगी। यह रकम आगामी दो से तीन सालों के बीच मिलेगी।”
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आईएमएफ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से मिलनी है मंजूरी
अब्दुल हफीज शेखन ने आगे कहा, “राजकोषीय घाटा 20 अरब डॉलर के पार जा चुका है और बीते दो सालों में फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 50 फीसदी तक लुढ़क चुका है। इस प्रकार हमारे सालाना भुगतान में 12 अरब डॉलर का गैप बढ़ गया है। हमारे पास इतनी क्षमता नहीं है कि हम इसका भुगतान कर सकें।” आईएमएफ ने कहा कि नीतियों के मुद्दों पर सहमत हुई है जिसे 39 महीनों के एक्सटेंडेड फंड अग्रीमेंट के तहत 6 अरब डॉलर का सपोर्ट दिया जाएगा। आईएमएफ की तरफ पाकिस्तान के दौरे पर गए प्रमुख प्रतिनिधी रैमिरेज रिगो ने कहा, “हमारा प्लान है कि घरेलू व बाहरी असंतुलन को सपोर्ट कर सकें, कारोबारी माहौल को बढ़ा सकें, संस्थाओं को मजबूत कर सकें।” हालांकि, यह समझौता अभी स्टाफ के स्तर पर हुआ है। इसे औपचारिक मंजूरी मिलना बाकी है। अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद वाशिंगटन में आईएमएफ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स इस समझौते को मंजूरी देगा, जिसके बाद ही पाकिस्तान को आर्थिक मदद का रास्ता पूरी तरह साफ हो पाएगा।
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