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अभी इनवॉइस जेनरेट करने में लगता है अधिक समय
वित्त वर्ष 2017-18 के विश्लेषण से पता चलता है कि कुल 68,041 बिजनेस ऐसे रहे हैं, जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपए से अधिक रहा है। इन बिजनेस का जीएसटी जमा करने में कुल हिस्सा 66.6 फीसदी रहा है। अधिकारी ने बताया कि अगर जीएसटी काउंसिल सहमत हो जाता है तो बीटूबी सेल्स के लिए इ-इनवॉइस जेनरेट करने के लिए 50 करोड़ रुपए कर दिया जाएगा। मौजूदा सिस्टम के तहत इनवॉइस जेनरेट करने और सेल्स रिटर्न भरने में लंबा समय लगता है।
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जीएसटी काउंसिल की सहमति के बाद सितंबर से लागू करने की तैयारी में मंत्रालय
जीएसटी के तहत जीएसटीआर-1 भरने की संख्या जीएसटीआर-3B की तुलना में काफी कम है। जीएसटीआर-1 को इनवॉइस डिटेल्स के हिसाब से भरना होता है। इसपर जानकारों का कहना है कि इसमें यह गैप इसलिए हो सकता है कि क्योंकि कारोबारियों को इनवॉइस अपलोड करने में समस्या आ रही हो। मंत्रालय इसके तहत नई व्यवस्था को सितंबर माह तक लागू कर देना चाहता है। जानकारी देते हुए अधिकारी ने यह भी बताया कि हर माह में 50,000 रुपए से अधिक के 3.9 करोड़ बीटूबी इनवॉइस जेनरेट किए जाते हैं। इस प्रकार हर दिन की 12 इनवॉइस जेनरेट किए जाते हैं।
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