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अप्रैल में सरकार ने 2,350 करोड़ रुपए कमाए
सरकारी वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2019-20 के पहले महीने में विनिवेश के तहत सरकार ने 2,350 करोड़ रुपए की आमदनी की है। जिसमें 476 करोड़ रुपए रेल विकास निगम लिमिटेड ( आरवीएनएल ) के आईपीओ को बेचकर जुटाए गए हैं। वहीं बाकी की रकम 1,874 करोड़ रुपए की शत्रु संपत्ति की बिक्री से आए हैं। जानकारों की मानें तो देश में हजाराें करोड़ों रुपयों की शत्रु संपत्ति पड़ी हुर्इ है। जिसमें कर्इ पर कानूनी डिस्प्यूट है।
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सरकार ने विछले वित्त में कमाए थे करीब 85 हजार करोड़
अगर बात पिछले वित्त वर्ष यानी 2018-19 की बात करें तो सरकार ने विनिवेश के माध्यम से 84,972 करोड़ रुपए जुटाए थे। जिसमें शत्रु संपत्ति की भागेदारी 779 करोड़ रुपए थी। मतलब साफ है कि इस बार सरकार का लक्ष्य शत्रु संपत्ति को तेजी से बेचना है। आपको बता दें कि सीईपीआई या गृह मंत्रालय संबंधित पक्षों और राज्य सरकार के परामर्श से बिक्री के लिए संपत्ति का चुनाव करता है।
आखिर क्या होती है शत्रु संपत्ति
शत्रु संपत्ति से मतलब ऐसी संपत्ति से होता है जिन्हें लोग छोड़कर पाकिस्तान या चीन चले गए और वे भारत के नागरिक नहीं रहे। मार्च 2019 में मंत्रिमंडल ने ‘कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया (सीईपीआई)’ के तहत आने वाली शत्रु संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी। वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2018 में दीपम को शत्रु संपत्ति और शत्रु हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी थी।
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