यह भी पढ़ेंः- अभी तक नहीं मिला है Income Tax Refund तो यह हो सकते हैं देरी कारण
आरबीआई की ओर से जारी किए आंकड़े
आरबीआई की ओर से जारी डाटा के मुताबिक बीते सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति जिसे एसेट्स भी कहा जाता हैं में 1.24 अरब डॉलर का इजाफा हो गया है। जो कुल मिलाकर 476.88 अरब डॉलर हो गई हैं। अगर बात भारत में विदेशी मुद्रा भंडार के 500 अरब डॉलर के पहली बार आंकड़ा छूने की करें तो 5 जून यह आंकड़ा सामने आया था। भारत ने पहली बार 400 अरब का आंकड़ा 8 सितंबरर 2017 को पार छुआ था। वहीं यूपीए कार्यकाल में यानी 2014 में भारत का विदेशी मुद्रा 311 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
यह भी पढ़ेंः- अमीरी के मामले में जल्द Mark Zuckerberg को पीछे छोड़ सकते हैं Mukeh Ambani, जानिए कितना रह गया फासला
लगातार बढ़ रही है देश की इकोनॉमी
अगर रेटिंग एजेंसी फिच की माने तो देश की इकोनॉमी में लगातार इजाफा देखने को मिला रहा है। फिच के अनुमान के अनुसार के देश की इकोनॉमी वित्त 2021-22 में 9.5 फीसदी पर आ सकती है। जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5 कम रह सकता है। फिच के अनुसार कोरोना वायरस क्राइसिस के बीत जाने के बाद देश की विकास दर तेजी आने की उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर स्टैंडर्ड एंड पुअर्स की ओर से देश की सॉवरेन रेटिंग को बीबीबी माइनस में कायम रखा है। एसएंडपी ने इंडियन इकोनॉमी पर भरोसा रखते हुए आउटलुक को स्टेबल ही रखा है। एसएंडपी की रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में देश की विकास दर में दबाव देखने को मिल रहा है। वहीं वर्ष 2021 में इसमें तेजी देखने को मिल सकती है।
यह भी पढ़ेंः- Railway Board का आदेश, जल्द खत्म होगा अंग्रेजों के जमाने का यह नियम
सरकार भी दे चुकी है भरोसा
वहीं दूसरी ओर देश की सरकार भी इकोनॉमी को लेकर भरोसा जता चुकी हैै। कुछ दिन पहले ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्टर की ओर एक कार्यक्रम में कहा गया था कि मौजूदा गिरावट अस्थाई है। कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद देश की इकोनॉमी को पंख लग जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि आज भी देश की इकोनॉमी दुनिया की सबसे तेजी से ग्रो करने वाली इकोनॉमी है। वहीं सेबी प्रमुख प्रमुख ने कहा था कि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।