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आर्थिक संकट में डीएमआरसीः लॉकडाउन में हर मिनट में हुआ करीब 58 हजार रुपए का नुकसान, जानिए कैसे

6 महीने तक मेट्रो ट्रेन का संचालन ना होने के कारण 1500 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान
मैट्रो स्टेशनों पर लगभग 400 रिटेल आउटलेट्स पर बिक्री ना हो से नहीं मिला किराया

Feb 07, 2021 / 12:17 pm

Saurabh Sharma

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DMRC economic crisis: Rs. 58000 per minute loss in lockdown

नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन यानी डीएमआरसी को कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर 1,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के दौरान लगभग छह महीने तक मेट्रो की सेवाएं बंद रहीं, जिससे यात्रियों से होने वाली इसकी आमदनी काफी बुरी तरीके से प्रभावित हुई। डीएमआरसी को रोजाना 8.3 करोड़ रुपए और प्रत्येक मिनट में करीब 58 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। जिसकी वजह से डीएमआरसी में आर्थिक संकट देखने को मिल रहा है।

विज्ञापनों से कमाई हुई बंद
इसी के साथ, मेट्रो की देखभाल के लिए इसके परिचालन और रखरखाव के खर्च का भार भी निरंतर उठाया जाता रहा, जो 285 स्टेशनों और पटरियों की कुल 389 किलोमीटर की लंबाई तक फैली हुई है। इसके साथ ही साथ मेट्रो की सेवाएं जिस वक्त बंद हुई थी, उस वक्त विज्ञापनों से होने वाली कमाई भी बंद हो गई थी और दुकानों से किराया मिलना भी बंद हो गया था।

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रिटेल आउटलेट्स से नहीं मिला किराया
डीएमआरसी के स्टेशनों पर लगभग 400 रिटेल आउटलेट्स हैं। अब बिक्री न होने के चलते दुकानों के मालिक ने किराया देने से भी इनकार कर दिया था। मेट्रो की सेवाएं भले ही पुन: बहाल कर दी गई है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का ख्याल रखने के चलते इसमें पहले जैसी भीड़ देखने को नहीं मिल रही है, जिसका सीधा प्रभाव आमदनी पर पड़ रहा है।

1243 करोड़ रुपए का चुकाना है लोन
इसके अलावा, दिल्ली मेट्रो ने 30 साल के लिए 1.2-2.3 प्रतिशत की रियायती दर पर जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) से 35,198 करोड़ रुपए का सॉफ्ट लोन लिया हुआ है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए डीएमआरसी को 1,242.8 करोड़ रुपए का भुगतान करना है, जिसमें से 434.1 करोड़ रुपए ब्याज है, जबकि 808.7 करोड़ की राशि मूलधन है। हालांकि जुलाई, 2020 तक डीमआरसी ब्याज के रूप में केवल 79.2 करोड़ रुपए का ही भुगतान कर पाने के सक्षम रहा है।

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सरकारों से मांगी सहायता
आर्थिक संकट के मद्देनजर डीएमआरसी ने केंद्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों से वित्तीय सहायता दिए जाने की मांग की है। डीएमआरसी ने केंद्र और राज्य सरकारों को पत्र लिखकर आर्थिक मदद के लिए अनुरोध किया है। अब देखना यह है कि क्या केंद्र और राज्य सरकारें डीएमआरसी के बचाव में आती है या नहीं।

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