30 लाख करोड़ का होता है भारत का बजट, जानिए सरकार के पास कहां से आता है इतना पैसा
इसके पहले एक और बदलाव यह देखने को मिला कि भारत सरकार के सबसे बड़े मंत्रालयों में एक रेल मंत्रालय का बजट पहले और अलग से पेश किया जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने वर्ष 2016 में इस परंपरा को भी तोड़ कर रख दिया। तब के वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने रेल बजट को आम बजट के साथ मिलाकर ही पेश किया।
इसके बाद से देश के रेल बजट को आम बजट के साथ नहीं मिलाया गया। ये सभी परंपराए अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक और पुरानी परंपरा जुड़ी हुई थी कि जो भी बजट पेश किये जाते थे वो फरवरी के आखिरी दिन पेश होते थे मोदी सरकार ने आम बजट को फरवरी के पहले दिन पेश करना शुरू कर दिया। इसकी वजह बजट से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को एक अप्रैल पर नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरा करना है। ताकि सरकार एक अप्रैल से ही नए वित्त वर्ष के हिसाब से काम करना शुरू कर दे और बजट को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। नहीं तो इस प्रक्रिया को पूरा होने में मई-जून तक का वक्त लगता था।