जीका ने इस कारण लिया बड़ा फैसला बुलेट ट्रेन का निर्माण गुजरात के अहमदाबाद से महाराष्ट्र के मुंबई तक किया जाना है। इसके लिए दोनों राज्यों में जमीन अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। लेकिन दोनों ही राज्यों के किसान जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में गुजरात के किसान हाईकोर्ट चले गए हैं। इसके अलावा गुजरात हाईकोर्ट में किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील आनंद वर्द्धन याग्निक ने जापान के राजदूत केंजी हिरमात्सु और जीका के इंडिया ऑफिस प्रतिनिधि को भी पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। वर्द्धन के पत्र लिखने के पांच दिन बाद जीका ने बुलेट ट्रेन की फंडिग रोकने का फैसला लिया है।
केंद्र सरकार गठित कर चुकी है स्पेशल कमेटी गुजरात और महाराष्ट्र के बीच 508 किलोमीटर लंबा बुलेट ट्रेन का ट्रैक बनाया जाना है। इस ट्रैक के निर्माण के लिए जापान की ओर से करीब 1 लाख करोड़ का लोन दिया जाना है। दोनों ही राज्यों में जमीन अधिग्रहण सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इस विवाद को निपटाने के लिए केंद्र सरकार एक स्पेशल कमेटी का गठन कर चुकी है। लेकिन दोनों ही राज्यों के किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। आपको बता दें कि भारत में बुलेट ट्रेन निर्माण पर नजर रखने के लिए जापान ने सरकारी कंपनी जीका का गठन किया है। वहीं भारत में नंशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) बुलेट ट्रेन निर्माण का कार्य देख रही है।