अर्थव्‍यवस्‍था

मिडिल क्लास के अनुसार बजट से नहीं पैदा होंगी नौकरियां, सर्वे में सामने आईं कमियां

निर्मला सीतारमण ने 2 घंटे 41 मिनट तक पेश किया था बजट भाषण
करीब 40 फीसदी मिडिल क्लास लोगों ने बजट का नहीं किया समर्थन

Feb 02, 2020 / 01:40 pm

Saurabh Sharma

According to the middle class, jobs will not be created due budget

नई दिल्ली। निर्मला सीतारमण का 2 घंटे 41 मिनट का बजट भाषण देश के मध्यम वर्ग और वेतनभोगी वर्ग के लोगों को खुश करने में विफल रहा है। यह बातें आईएएनएस-सी वोटर पोस्ट बजट पोल में सामने आई हैं। सर्वे के मुताबिक ‘कृषि’ और ‘ग्रामीण’ जैसे शब्दों के उल्लेख के बावजूद बजट किसान समर्थक नहीं है। यह पूछे जाने पर कि आज पेश किए गए बजट को आप कैसे देखते हैं? मध्यम वर्ग समर्थक के तौर पर तो 20.1 फीसदी लोगों ने इसका समर्थन किया। अगर कोई इसके विस्तार में जाता है तो 36.6 फीसदी ने इसे सकारात्मक बताया, जबकि 39.8 फीसदी ने इसे थोड़ा कहा। 16.6 फीसदी ने कहा कि बजट मध्यम वर्ग का बिल्कुल समर्थन नहीं करता। इस दौरान 7 फीसदी दुविधा में रहे।

यह भी पढ़ेंः- बजट में साफ पानी, मेडिकल कॉलेज और सरोकार, लेकिन कहां है रोजगार

लोगों का मानना है कि रोजगार नहीं बढ़ेगा
रोजगार इस बार के बजट का एक बार-बार जिक्र होने वाला विषय रहा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बजट बाद भाषण में कहा, “रोजगार के प्रमुख क्षेत्र कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्सटाइल व प्रौद्योगिकी है। रोजगार सृजन के क्रम में इन चारों क्षेत्रों पर बजट में ज्यादा जोर दिया गया है।” इसके बावजदू धारणा, इससे अलग है। यह पूछे जाने पर कि आज पेश बजट क्या नौकरियों को बढ़ावा देगा? इस पर सिर्फ 10.7 फीसदी लोग मानते हैं कि इससे रोजगार बढ़ेगा। सिर्फ 31.8 फीसदी का मानना है कि बजट में नौकरियां पैदा करने की क्षमता है, जबकि 37.4 फीसदी का कहना है कि ‘थोड़ी’ संभावना है। 21.1 फीसदी लोग बजट से रोजगार सृजन की संभावना को खारिज करते हैं, जबकि 9.6 लोग अनिर्णय की स्थिति में है। रोचक है कि रोजगार को लेकर विपक्ष भाजपा की अगुवाई वाली सरकार को निशाना बनाता रहा है।

यह भी पढ़ेंः- Petrol Diesel Price Today : लगातार चौथे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती, जानिए आज के दाम

संतोषजनक नहीं बजट
बजट के मध्यम वर्ग समर्थक होने या रोजगार सृजन की क्षमता होने की अवधारणा को नकामयाबी मिली है। इसे किसान समर्थक होने को लेकर कुछ राहत है। आईएएनएस-सीवोटर पोस्ट बजट पोल के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि आज पेश बजट को आप किस तरह से देखते हैं, किसान समर्थक के रूप में, तो कुल 44.1 फीसदी ने इसका समर्थन किया। 55.9 फीसदी ने ‘हां’, 28.1 फीसदी ने कहा ‘थोड़ा’ और 11.8 फीसदी ने कहा, ‘बिल्कुल नहीं’। 4.3 फीसदी उत्तरदाता दुविधा की स्थिति में रहे। सी वोटर के यशवंत देशमुख के अनुसार, कहीं भी 40 से ऊपर और 50 फीसदी से नीचे नारंगी क्षेत्र है, वह संतोषजनक नहीं है। बागवानी, मत्स्य पालन, पशुपालन में वैल्यू एडिशन के बारे में बात करने के बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्रीय बजट इस धारणा को ‘किसान समर्थक’ बनाने में विफल रहा।

संबंधित विषय:

Hindi News / Business / Economy / मिडिल क्लास के अनुसार बजट से नहीं पैदा होंगी नौकरियां, सर्वे में सामने आईं कमियां

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.