1.मतदान की तरह देश में रक्तदान के लिए भी एक कानून बनाया गया है। जिसके तहत ब्लड डोनेट करने वाले की न्यूनतम आयु निर्धारित की गई है। जिसके तहत 18 साल से नीचे के लोग खून नहीं दे सकते हैं।
सफेद बालों से लेकर खून की समस्या होगी दूर, करें इस जड़ी बूटी का सेवन 2.डॉक्टर्स के मुताबिक 18 साल से कम आयु के लोगों के खून देने से उनके शरीर पर ही हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। उस वक्त उनका शरीर कमजोर होता है। ऐसे में ब्लड देने से उनके विकास की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
3.इसके अलावा ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) की शर्तों के अनुसार पुरुष 90 दिन के पहले रक्तदान नहीं कर सकते हैं। क्योंकि शरीर में नया खून बनने में समय लगता है। इससे पहले खून देने से शरीर में खून की कमी के चलते एनीमिया रोग हो सकता है। साथ ही थकान और कमजोरी भी लग सकती है।
4.जिन लोगों के खून में हिमोग्लोबिन 12.5 से कम होता है वे भी रक्तदान नहीं कर सकते हैं। क्योंकि खून में रेड ब्लड सेल्स के कम होने से खून फायदेमंद नहीं माना जाता है।
5.नियम के मुताबिक ट्रांसजेंडर, होमोसेक्सुअल आदि लोग भी डॉक्टरी जांच के बिना रक्तदान नहीं कर सकते हैं। क्योंकि उनके खून में अशुद्धियां पाए जाने की आशंका ज्यादा रहती है। साथ ही उनके जीन्स में मौजूद नकारात्मक चीजों का प्रभाव खून लेने वाले व्यक्ति पर पड़ सकता है।
6.जिन लोगों के दिल की धड़कन 60-100 के बीच नहीं होती है, ऐसे लोग भी खून देने के अक्षम माने जाते हैं। क्योंकि कम पल्स रेट वालों के खून देने पर उन्हें हार्ट अटैक का खतरा रहता है।
50 की उम्र में भी दिखना हो 25 का तो करें गुड़ का इस्तेमाल 7.बच्चे की डिलीवरी के बाद महिलाएं कम से कम एक साल तक किसी को अपना खून नहीं दे सकती हैं। क्योंकि उस वक्त उनका शरीर कमजोर होता है। ऐसे में उनकी बॉडी को हील करने की ज्यादा जरूरत होती है। उनके खून देने से ब्लड प्रेशर के बढ़ने आदि की दिक्कत हो सकती है।
8.जो लोग इंसुलिन लेते हैं या उन्हें किसी तरह की खून की कोई दिक्कत है तो ऐसे लोग भी खून नहीं दे सकते हैं। इससे खून लेने वाले को इंफेक्शन का खतरा रहता है। इससे व्यक्ति की जान तक जा सकती है।
9.अगर कोई एचआईवी का मरीज हो या उसे अस्थमा की बीमारी हो, तो ऐसे लोग भी ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। इससे सामने वाले की जान को खतरा हो सकता है। 10.अगर किसी के घर में मलेरिया का रोगी है तो वहां रहने वाले लोग भी कम से कम तीन महीने तक किसी को अपना खून नहीं दे सकते हैं। क्योंकि मरीज के जीवाणु उनकी ब्लड में भी मौजूद हो सकते हैं।