Independence Day 2021 : आजादी आंदोलन के 10 महानायक, जिन्होंने दिलाई देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति
Independence Day 2021 : इस वर्ष 15 अगस्त को देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। जानिए भगत सिंह और रानी लक्ष्मीबाई सहित देश के उन 10 महान योद्धाओं के बारे में, जिन्होंने देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी।
Independence Day 2021 : नई दिल्ली। भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बार 15 अगस्त के दिन देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर हम आपको ऐसे 10 महानायकों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए।
1.अहिंसा के रास्ते पर चलकर अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर करने वालों में महात्मा गांधी का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन करके भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ब्रिटिशर्स की ओर से नमक पर टैक्स लगाए जाने के विरोध में गांधी जी की ओर से शुरू किया गया दांडी मार्च बहुत सफल हुआ था। इसके अलावा उन्होंने समाज की कुरीतियों को खत्म करने की भी कोशिश की थी।
2.भारत की आजादी में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने राज्य झांसी को अंग्रेजों के चंगुल से बचाने के लिए जंग छेड़ी थी। साल 1858 में हुए दो हफ्तों के इस युद्ध में लक्ष्मीबाई ने ब्रिटिशर्स को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। हालांकि बाद में अंग्रेजों से लड़ते हुए वो वीरगति को प्राप्त हुईं।
3.अपने जज्बे और जोश से अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर करने में क्रांतिकारी भगत सिंह ने भी बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने चाचा के साथ आजादी की लड़ाई में कदम रखा था। बाद में उन्होंने धरती मां को गुलामी से मुक्त कराने का बीड़ा अपने कंधों पर उठा लिया था। उन्होंने सन् 1921 में असहयोग आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी।
4.स्वतंत्रता सेनानियों में एक महत्वपूर्ण नाम मंगल पांडे का भी है। वे ईस्ट इंडिया कंपनी में सैनिक थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ साल 1857 में लड़ाई लड़ी थी। उन्होंनो ब्रिटिशर्स की ओर से बनाए जाने वाले कारतूसों को बदले जाने की मांग की थी। क्योंकि इसमें गाय की चर्बी का इस्तेमाल होता था और इसे खींचने के लिए मुंह लगाना पड़ता था। इससे हिंदू धर्म भ्रष्ट हो रहा था।
5.आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाने में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भी बड़ा हाथ था। उन्होंने भारतीय कांग्रेस ज्वाइन करके अवज्ञा आंदोलन में अपनी हिस्सेदारी निभाई थी। नेताजी ने जर्मनी में जाकर इंडियन नेशनल आर्मी का गठन किया था।
6.स्वतंत्रता सेनानियों में लाला लाजपत राय का भी नाम शान से लिया जाता है। उन्होंने जलियावाला हत्याकांड के विरोध में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था। इस संघर्ष में हुए लाठीचार्ज के दौरान वे बुरी तरह से घायल हो गए थे, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
7.स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है का नारा देने वाले आंदोलनकारी बालगंगाधर तिलक ने भी आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने पूरे भारत में घूम-घूमकर अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति तैयार की थी।
8.क्रांतिकारी अशफाकउल्ला खान को उनके तेज तर्रार अंदाज के लिए जाना जाता है। वे उग्र विचार धारा के थे। उन्होंने कांकोरी कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रेन से अंग्रेजों का खजाना लूटा था।
9.सन् 1857 की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले बहादुर शाह जफर का नाम भी शान से याद किया जाता है। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी से लोहा लेने के लिए विशाल मोर्चा तैयार किया था।
10.क्रांतिकारी शिवराम राजगुरु का नाम भी आजादी की लड़ाई में शान से लिया जाता है। वे भगत सिंह के साथी थे। अंग्रेजों से मुकाबला करने के लिए वे नौजवानों को जोड़ने और रणनीति बनाने का काम करते थे।
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