1.मलेरिया तेज़ बुखार, ठंड , कंपकंपी से शुरू होता है और बाद में सिर और मांसपेशियों के दर्द तक पहुंच जाता है। साथ ही उल्टी होने जैसे दिक्कत भी रहती है।
2.अगर पीलिया गंभीर होता जा रहा है तो इसकी वजह से यूरीन कम आना, बेहोशी महसूस होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ होने जैसी दिक्कत होने लगती है।
3.मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को किडनी, लिवर और लंग्स में संक्रमण होने की समस्या हो जाती है जिससे स्थिति अधिक खराब होने लगती है और रोगी कोमा में जा सकता है।
4.अगर कोई गर्भवती महिला मलेरिया का शिकार हो जाए तो इसके संक्रमण के कारण उसके बच्चे की जान को ख़तरा हो सकता है और ऐसे में गर्भपात भी हो सकता है।
5.इन समस्याओं के अलावा शरीर में खून की कमी होने लगती है ,आंखों की पुतलियों का रंग पीला होने लगता है अगर अधिक पसीना आए तो यह बुखार कम होने का संकेत है।
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6.मलेरिया से बचाव के लिए बहुत जरूरी है कि इसके मच्छर को पनपने से रोका जाए जिसके लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
7.बुखार अधिक समय तक रहे तो तुरंत डाक्टर से जांच कराना अनिवार्य हो जाता है साथ ही छोटे बच्चों को इसकी वैक्सीन लगवाने के लिए ज़रूर ध्यान रखें।
8.इससे बचाव के लिए कई घरेलू नुस्खे भी हैं तो ध्यान रखें कि चाहे घरेलू उपचार अपनाए या डाक्टर की सलाह लें इलाज पूरा कराएं।
9.छोटे बच्चों को ये बीमारी बहुत तेज़ी से अपना शिकार बनाती है इसलिए उनकी सेहत का इसमें खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।
10.अगर इसके आंकड़ों पर जाए तो मलेरिया बीमारी इतनी भयंकर और लानलेवा रही है कि इसकी वजह से कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है।