इस बार राखी बांधने के लिए करीब 12 घंटे का समय मिलेगा
•Aug 20, 2018 / 03:05 pm•
Soma Roy
श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। भाई—बहन के इस अटूट बंधन का यह त्योहार 26 अगस्त यानि रविवार को पड़ रहा है। इस बार का रक्षाबंधन बेहद खास है, क्योंकि राखी पर लगने वाली भद्रा इस बार नहीं लगेगी। तो क्या है इसकी वजह और कैसे करें पूजन आइए जानते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल भद्रा नक्षत्र राखी बांधने के समय से पहले ही खत्म हो जाएगी। इसलिए आप पूरे दिन में किसी भी समय अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। इस बार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:59 बजे से शाम 5:25 बजे तक है।
पुराणों के अनुसार राखी बांधने के लिए भद्रा नक्षत्र बहुत अशुभ होता है क्योंकि इस समय की गई सारी शुभ चीजें भी अशुभ फल देती हैं। कहते है कि इस दिन सुपर्णनखा ने भद्रा काल में अपने भाई रावण को राखी बांधी थी। यही वहज है कि रावण को युद्ध में पराजय मिली और उसकी मृत्यु हो गई।
एक अन्य कथा के अनुसार भद्रा काल में भगवान शिव तांडव करते हैं और वो अत्यधिक क्रोधित होते हैं इसलिए ऐसे समय में राखी बांधने का उचित फल नहीं मिलेगा।
रक्षाबंधन का पर्व महज भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए ही खास नहीं होता, बल्कि इस दिन पवित्र सावन के महीने का भी अंत होता है। इसलिए रक्षाबंधन के दिन शिव को पंचामृत से स्नान कराकर भांग और धतूरा अर्पण करने से रिश्ते बेहतर होते हैं और घर में खुशहाली आती है।
रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई को विशेष मंत्रोचारण के साथ राखी बांधे तो इसका फल ज्यादा मिलेगा। भाई की तरक्की और उसके जीवन की रक्षा के लिए राखी बांधते समय “येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से भाई—बहन में हमेशा प्यार बना रहेगा और कामयाबी मिलेगी।
आप चाहे तो राखी बांधते समय ॐ यदाबध्नन्दाक्षायणा हिरण्यं, शतानीकाय सुमनस्यमाना:। तन्मस्आबध्नामि शतशारदाय, आयुष्मांजरदृष्टिर्यथासम्।। मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। ये मंत्र बेहद प्रभावशाली है। इसके जाप से भाई-बहन दोनों की आयु लंबी होगी और वे मुसीबतों से सुरक्षित रहेंगे।
वहीं राखी बांधने से पहले सही तरीके से किया गया पूजन भी जरूरी है। इसके लिए स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। अब चावल के आटे से भगवान के पास रखी एक चौकी के निकट रंगोली बनाएं। अब इसमें एक मिट्टी का घड़ा रख दें। इस मटके में चावल भर कर रखें।
अब भगवान को धूप-दीप दिखाएं एवं भोग लगाएं। इसके बाद भाई को पूजा के कमरे में पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठाएं। जबकि बहन अपना मुख पश्चिम दिशा की ओर रखे। इस प्रकार पूजन करने और भाई को तिलक लगाकर राखी बांधने से घर में समृद्धि आती है और भाई-बहन के बीच प्यार बढता है।
राखी बांधते समय बहन बताए गए मंत्र का जप करें। वहीं भाई संकल्प लें कि वो हमेशा अपनी बहन की रक्षा करेगा और हर परिस्थिति में उसका साथ निभाएगा।
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