श्रावणी पूर्णिमा और रक्षाबंधन पर भोलेनाथ के अभिषेक से मिलेगा पुण्य
•Aug 25, 2018 / 11:01 am•
Soma Roy
सावन के आखिरी दिन की पूर्णिमा को साल की सबसे बड़ी पूर्णिमा माना जाता है। इसे श्रावणी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। चूंकि इस दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है इसलिए इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इस दिन किए गए कुछ खास उपाय विशेष फल देते हैं, तो कौन से है वो टोटके आइए जानते हैं।
एक महीने तक चलने वाला सावन रविवार को खत्म हो जाएगा। कल रक्षाबंधन भी है, इस दिन अशुभ ग्रहों के प्रभाव को दूर करने के लिए गुप्त रूप से दान करना बहुत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक श्रावणी पूर्णिमा के दिन किसी ब्राम्हृण व जरूरतमंद को भेंट देने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्रावणी पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण स्वरूप में होता है, इसलिए इस दिन चांदी के कटोरे में दूध और चावल से बना खीर खाने से दिमाग तेज होता है। इससे किसी की कुंडली में चंद्र ग्रह की खराब स्थिति में भी सुधार होता है।
अगर किसी की कुंडली में सूर्य या चंद्र के स्थान पर राहू व केतू कग्रह विराजमान हो तो व्यक्ति के जीवन में बाधाएं आती रहती हैं। इससे व्यक्ति कामयाबी हासिल नहीं कर पाता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए रक्षाबंधन की रात्रि को चांदी के एक पात्र में जलभर चंद्रमा की रौशनी में रख दें।
चांदी के बर्तन में जल को करीब 3 घंटे के लिए रहने दें। इसके बाद उस पात्र के जल को किसी बोतल में भरकर रख दें और रोजाना 21 दिनों तक इस जल का थोड़ा-थोड़ा सेवन करें। ऐसा करने से ग्रह दोष दूर हो जाएगा और व्यक्ति के सारे काम बनने लगेंगे।
अगर किसी की कुंडली में अल्पायु व अकाल मृत्यु का योग है तो इससे बचने के लिए श्रावणी पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का गाय के शुद्ध घी से अभिषेक करें। इसके अलावा इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का 1008 बार जाप भी करें। ऐसा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होंगे और आपकी आयु लंबी होगी।
अल्पायु होने का योग व्यक्ति की कुंडली में चंद्र की स्थिति खराब होने की वजह से होती है। इसलिए रक्षाबंधन व श्रावणी पूर्णिमा को व्यक्ति को शाम के समय किसी ब्राम्हण को शुद्ध देसी घी का दान करना चाहिए। इससे पुण्य मिलेगा।
अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो इससे मुक्ति पाने के लिए श्रावणी पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। साथ ही रात्रि के समय चांदी की एक छोटी डिब्बी में थोड़ा शहद भरकर इसे किसी सुनसान जगह पर गाड़ दें, ऐसा करने से दोष का प्रभाव कम हो जाएगा।
यदि किसी की कुंडली में चंद्र ग्रह नीच का हो तो श्रावणी पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के बाद कच्चे दूध में मिश्री डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। इस दौरान ऊं सोमेश्वराय नम: मंत्र का 11 व 21 बार जाप करें। ऐसा करने से चंद्र ग्रह की स्थिति मजबूत होगी।
अगर किसी को धन संचय में परेशानी आ रही है, लाख कोशिशों के बावजूद धन की बचत नहीं हो पा रही है तो इससे छुटकारा पाने के लिए श्रावणी पूर्णिमा के दिन जरूरतमंदों को दूध का दान करें। इससे शिव जी प्रसन्न होंगे और चंद्र ग्रह प्रभावशाली बनेगा।
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