अलविदा : Rahat Induari जिसने कहा था, ‘किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है’, पढ़िए उनके10 चुनिंदा शेर
वहीं इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि राहत इंदौरी (Rahat Indori) को निमोनिया की शिकायत होने पर सोमवार को उनकी कोरोना (Corona) जांच की गई। मंगलवार सुबह उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी थी। ये खबरे देने के कुछ घंटों बाद उनकी मौत की खबर ने सबको शोक में ड़ाल दिया।
राहत इंदौरी (Rahat Indori) वैसे तो शायर के तौर पर ही जाने जाते हैं लेकिन वो शायरी के अलावा भी बहुत कुछ करते हैं। आज हम आपको उनकी याद में उनसे जुड़ी 10 दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं।
2- राहत (Rahat Indori) की सारी पढ़ाई इंदौर में ही हुई है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। इसके बाद साल 1973 में उन्होंने शहर के इस्लामिया करीमिया कॉलेज (Islamia Karimiya College) से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। फिर साल 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया।
3- राहत इंदौरी (Rahat Indori) ने साल 1985 में मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि हासिल की। जिसके बाद उन्हें डॉक्टर की उपाधि मिल गई।
4- वैसे राहत इंदौरी (Rahat Indori) का मूल नाम राहत कुरैशी (Rahat Qureshi) था। लेकिन उनको अपने इंदौर शहर से बहुत प्यार था। इसके चलते उन्होंने इसे अपने नाम का हिस्सा बना लिया।
5- राहत इंदौरी (Rahat Indori) ने अपना करियर इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में उर्दू साहित्य के टीचर के तौर पर शुरू किया. छात्रों के बीच वो जल्दी ही लोकप्रिय हो गए।
6- राहत (Rahat Indori) के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी इसके चलते उन्हें शुरुआती दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
7- बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन राहत साहब (Rahat Indori) शायर के साथ एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। वे स्कूल और कॉलेज स्तर पर फुटबॉल और हॉकी टीम के कप्तान भी थे।
8- परिवार की बात करें तो राहत जी (Rahat Indori) की दो बड़ी बहनें थीं जिनके नाम तहज़ीब और तक़रीब थे। इसके अलावा उनके दो भाई अकील और आदिल हैं।
9- परिवार की आर्थिक हालत खराब होने के कारण राहत साहब (Rahat Indori) ने एक साइन-चित्रकार के रूप में 10 साल से भी कम उम्र में काम करना शुरू करना पड़ा। लेकिन बाद में उन्हें काम पसंद आने लगा और वे एक अच्छे चित्रकार के रूप में भी जानें जाने लगे।
10- बहुत कम ऐसे शायर हैं जो शायरी के अलावा राहत (Rahat Indori) गाने भी लिखते हैं। राहत इन्हीं में एक थे। इसके अलावा उनकी कविता ‘बुलाती है मगर जाने का नहीं’ टिकटॉक पर बहुत वायरल हुई थी।