1.इस मंत्र का जाप करने से पूर्व आपके शरीर एवं मन की शुद्धी एवं शांति बहुत ही जरूरी है इसलिए ध्यान रखें कि स्नान आदी तो करें ही साथ ही मन की एकाग्रता भी बहुत जरूरी है।
2.स्नान आदी के बाद पीले वस्त्र धारण करने शुभ माना जाता है और क्योंकि ज्योतिषशास्त्र में इस दिन पीले वस्त्र धारण करना और पीली वस्तु का दान करने का महत्व होता है।
3.भगवान विष्णु के समक्ष धूप-दीप आदी समर्पित करें और गेंदे के फूलों का उपयोग करें। गेंदे के फूल पीले होते हैं साथ ही पूजा में इनका इस्तेमाल अच्छा माना जाता है।
4.इसके बाद मंत्र का जाप करें, मंत्र इस प्रकार है – ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि ! तन्नो नारायणाय प्रचोदयात।
5.यह मंत्र भगवान विष्णु के महा मंत्रों में शामिल है। इसलिए इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु बहुत ही प्रसन्न होते हैं।
6.इस मंत्र का जाप तुलसी की माला पर नियमित रूप से 108 करने इसका फायदे कुछ ही समय में नज़र आने शुरू हो जाते हैं।
7.इस मंत्र का 11 या 5 वीरवार तक जाप करने वाले व्यक्ति को जीवन में यश, प्रतिष्ठा और उन्नति मिलती है।
8.इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की पत्नी माता लक्ष्मी भी बहुत प्रसन्न होती है और इस मंत्र का जाप करने वाले पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
9.विष्णु जी के इस मंत्र का जाप करने से आपकी तरक्की के रास्ते प्रबल होते हैं और सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
10इस मंत्र का जाप करने से विष्णु जी के शक्तियां, उनके प्रभाव आपके संकट दूर करते हैं और सदैव उनकी कृपा बरसती रहती है।