1.इसका नाम राधा कुंड है। ये मथुरा के अरिता नामक गांव में स्थित है। कई लोगों का मानना है कि ये स्थान गोवर्धन पर्वत के तलहटी में स्थित है। ये वही पर्वत है जिसे श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र के प्रकोप से नगरवासियों को बचाने के लिए अपनी छोटी अंगुली से उठाया था।
2.राधा जी के कुंड के अलावा अरिता गांव में श्री कृष्ण का भी कुंड है। दोनों कुंड आस-पास है। कहते हैं कि जो व्यक्ति राधा कुंड में स्नान करता है, उसे श्री कृष्ण के कुंड में भी डुबकी लगानी चाहिए अथवा दर्शन करने चाहिए। इन दोनों कुंडों पर मांगी गई मुराद हमेशा पूरी होती है।
3.वैसे तो आप किसी भी दिन इस कुंड में स्नान कर सकते हैं, लेकिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यहां डुबकी लगाने का महत्व ज्यादा होता है। मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान करने से महिलाओं की सूनी कोख भर जाती है। इसी महिमा के चलते उस दिन यहां विशाल मेले का भी आयोजन होता है।
4.मान्यता है कि जो भी निसंतान महिला यहां निर्जला व्रत रखकर पुष्य नक्षत्र की रात को 12 बजे इस कुंड में स्नान करती हैं उन पर देवी राधा की कृपा होती है। 5.कहते हैं राधा कुंड में डुबकी लगाते समय महिलाओं को अपने बाल खोलकर रखने चाहिए। चूंकि राधा जी के भी बाल काफी लंबे थे और इसे सुंदरता का प्रतीक भी माना जाता है, इसलिए भी महिलाएं स्नान के समय बाल खोलती हैं।
6.पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण पर गौ हत्या का पाप लगा था। इसका प्रायश्चित करने के लिए राधा जी ने अपने कंगन से एक कुंड खोदा था जिसे राधा कुंड कहा जाता है। वहीं श्रीकृष्ण ने भी अपनी बांसुरी के ज़रिए एक और कुंड बनाया। जिसे श्याम कुंड कहा जाता है। दोनों कुंड एक-दूसरे के पास हैं।
7.मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण और राधा जी स्नान के बाद रासलीला की थी। उनके इस मोहक रूप को देख देवी-देवता समेत नर-नारी सभी मंत्र मुग्ध हो गए थे। श्री कृष्ण एवं राधा जी की सुंदरता सभी के मन को शांति देती है। कहा जाता है कि आज भी अष्टमी की रात्रि को श्री कृष्ण एवं राधा जी रास रचाते हैं।
8.हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार श्री कृष्ण पर गौ हत्या का आरोप लगा था। दरअसल वो गोवर्धन में गाय चराते समय बांसुरी बजाया करते थे एवं रास रचाते थे। तभी एक दिन अरिष्टासुर नाम का रासक्ष गाय के बछड़े के रूप में आ गया और श्रीकृष्ण पर हमला कर दिया। तभी श्री कृष्ण ने उस असुर का वध कर दिया, लेकिन असुर बछड़े के वेश में थो इसलिए श्रीकृष्ण पर गौ हत्या का पाप लगा।
9.बताया जाता है कि श्रीकृष्ण को पाप से मुक्त कराने के लिए राधा जी ने कुंड बनाने का उपाय बताया। कुंड के निर्माण के बाद दोनों ने स्नान किया। ऐसा करते ही श्री कृष्ण के पाप नष्ट हो गए। तभी से ये दोनों कुंड बहुत पवित्र माने जाते हैं।
10.पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण ने राधा से प्रसन्न होकर उनसे कोई वरदान मांगने को कहा था। तभी राधा जी ने इच्छा व्यक्त की थी कि जो भी इस कुंड में स्नान करेगा वो निसंतान नहीं रहेगा। इस बात का जिक्र ब्रम्ह पुराण एवं गर्ग संहिता में भी देखने को मिलता है।