पॉल्यूशन से बचने के लिए खरीद रहें हैं मास्क तो ध्यान रखें ये 10 बातें 1.बेल का जूस गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। दरअसल बेल को एक जंगली फल माना जाता है। जो कि गर्भ धारण करने वाली स्त्रियों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसमें मौजूद टॉक्सिन्स शरीर में मिलकर भ्रूण को नुकसान पहुंचाते हैं।
2.आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान बेल का जूस पीने से गर्भ ठहरने में दिक्कत हो सकती है। इससे गर्भपात का खतरा बढ़ता है। 3.गर्भावस्था के दौरान बेल का शर्बत पीने से होने वाले बच्चे का दिमाग ठीक से विकसित नहीं होगा। क्योंकि ये मस्तिष्क की कोशिकाओं पर बुरा असर डालती हैं।
4.डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को करीब छह महीने तक बेल का जूस नहीं पीना चाहिए। क्योंकि इससे दूध का उत्पादन कम हो जाता है। 5.प्रेगनेंसी के दौराना बेल का शर्बत पीने से होने वाले बच्चे को निमोनिया होने का डर रहता है। क्योंकि बेल की तासीर ठंडी होती है। इससे मां से उसके बच्चे में ठंड का असर आ जाता है।
रोजाना दिन में एक बार पी लें सत्तू का घोल, बुढ़ापे में भी दिखेंगे जवां 6.बेल का शर्बत भारी होता है। गर्भावस्था में इसे पीने से बच्चे का डाइजेशन ठीक नहीं रहता है। इससे डिलीवरी के बाद भी बच्चे को पेट से संबंधित बीमारियां होने का डर रहता है।
7.प्रेगनेंट महिलाओं को बेल का शर्बत नहीं पीना चाहिए। क्योंकि ये ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। इससे होने वाले बच्चे को स्किन की बीमारियां हो सकती है।। 9.जिन महिलाओं का पहला बच्चा सर्जरी से हुआ है। उन्हें बिल्कुल भी बेल का शर्बत नहीं पीना चाहिए। इससे दूसरे बच्चे की डिलीवरी में दिक्कतें आ सकती हैं।
10.गर्भावस्था के दौरान बेल का जूस पीने से बच्चे का स्वास्थ कमजोर हो सकता है। इससे डिलीवरी के बाद भी बच्चे को कई बीमारियों का खतरा रहता है।