1.पलाश के बीजों को पानी में भिगों कर इसे 48 घंटों के लिए छोड़ दें। अब इसे पीसकर पेस्ट बना लें। अब इसे रोजाना दिन में दो से तीन बार लगाने से मोतियाबिंद में आराम मिलेगा। इससे बिना आॅपरेशन के धीरे—धीरे आंखों की रौशनी बढ़ जाएगी।
2.2-3 ग्राम पलाश फूल के पाउड़र का नियमित रूप से उपयोग करने पर पेट की समस्याओं जैसे कि आंतरिक घावों, अल्सर से छुटकारा मिलता है। 3.पलाश के बीज में एंटीऑक्सीडेंट और संक्रमण विरोधी गुण होते हैं। इसे त्वचा पर लगाने से दाद (dhobi’s itch), फोड़े, फुंसीयां, अल्सर या इनसे होने वाली सूजन आदि कम होती हैं।
4.अगर शरीर का तापमान हमेशा 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक बना रहता है तो इसे बुखार के लक्षण माने जाते हैं। इसे ठीक करने के लिए पलाश के फूलों के रस को चीनी और दूध के मिश्रण में मिला कर सेवन करें। इससे लाभ होगा।
5.पलाश के फूलों को गर्म करके इन्हें सूती कपड़े में लपेटकर प्रभावित जगह पर बांधने से गठिया, चोट, मस्तिष्क आदि की सूजन और दर्द में राहत मिलता है। 6.शरीर में चीनी के स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन 1.5 से 2 ग्राम तक इस मिश्रण का सेवन करें। इससे डायबिटीज में लाभ होगा।
7.अगर किसी को पीरियड्स में दिक्कत होती है तो इसे दूर करने के लिए रात में सोने से पहले पलाश के पत्तों का 3-4 चम्मच रस का सेवन करें। इससे अतिरिक्त रक्त स्त्राव की समस्या दूर हो जाएगी।
8.शारीरिक थकान और कमजोरी को दूर करने के लिए पलाश के फूलों को सुखा लें और इनका पाउडर तैयार करें। इस पाउडर में कैंडी चीनी मिलाकर एक गिलास दूध में लगभग इस मिश्रण की 3 ग्राम मात्रा मिलाकर सुबह और शाम पिएं। इससे कमजोरी दूर हो जाएगी।
9.पलाश के फूल का काढ़ा बनाकर इसमें मिश्री मिलाकर पिएं। ऐसा करने से पेशाब में जलन और मूत्र संबंधित अन्य दिक्कतें दूर हो जाएगी। 10.3 से 6 ग्राम बीज-चूर्ण सुबह दूध के साथ तीन दिन तक लें। इससे पेट के कीड़े दूर हो जाएंगे।