इसके बाद कोर्ट ने पांच आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल था, उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया और तीन साल के लिए सुधार गृह में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया था। आइए नजर डालते हैं, इस मामले से जुड़ी दस बड़ी बातों पर…
1.लोगों ने विरोध में दिल्ली की प्रमुख जगहों पर पम्फलेट ले कर सरकार से न्याय की गुहार लगाई।
2.ये देश का पहला मामला है जब स्त्री अस्मिता पर लोगों की आवाज ना सिर्फ देश में गूंजी बल्किन विदेशों में भी पहुंची।
3.भारत में अपनी तरह का यह पहला गैंगरेप का मामला है जब पीड़ित लड़की के मां बाप आरोपियों के खिलाफ खुल कर देश के सामने आये और अपनी बेटी के अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग की।
4.लोगों की जारुकता का असर ये हुआ कि पोलिस ने जल्द ही उस प्राइवेट बस को खोज लिया जिसका वारदात में प्रयोग हुआ था। गैंगरेप की इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद लड़कियों को अपने घर से निकलने में डर लगने लगा।
5.निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसका इलाज चल रहा था। लेकिन उसके अंदुरुनी अंग इतने क्षतिग्रस्त हो चुके थे कि 29 दिसम्बर 2012 को उसने सिंगापुर में आखिरी सांस ली।
6.जनवरी, 2013 में पुलिस ने पांच बालिग अभियुक्तों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती आदि आरोपों के तहत चार्जशीट दाखिल की। फ़ास्ट ट्रैक अदालत ने पांचों अभियुक्तों पर आरोप तय किए।
7.इस केस के मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या की। ऐसा माना गया कि आत्मग्लानि के चलते उसने ऐसा किया।
8. 31 अक्टूबर, 2013 को जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग को गैंगरेप और हत्या का दोषी माना और उसे बाल सुधार गृह में तीन साल रहने का आदेश दिया।
9. सितंबर, 2013 को फ़ास्ट ट्रैक अदालत ने चार आरोपियों को 13 अपराधों के लिए दोषी करार दिया। सितंबर को दोषी मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई गई।
10. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्भया के दोषियों को उसी दिन सजा दी जा सकती है जिस तारीख को उसके साथ घिनौना कृत्य किया गया था जिसमें उसकी जान चली गई। कहा जा रहा है कि निर्भया के दोषियों 16 दिसंबर को ही सुबह पांच बजे फांसी दी जा सकती है।