1.सोते समय ज्यादा पसीना आना थायरॉइड के बढ़ने का इशारा होता है। क्योंकि इसे हाइपरथाइरॉयडिज्म का प्रमुख लक्षण माना जाता है। इससे थायरॉइड ग्रंथि प्रभावित हो सकती है। 50 की उम्र में भी दिखना हो 25 का तो करें गुड़ का इस्तेमाल
2.हार्मोन्स के असंतुलन के चलते भी कई बार सोते समय पसीना आता है। इससे शारीरिक विकास रुक सकता है। साथ ही बॉडी संवेदनशील हो सकती है। 3.दिल की बीमारी होने पर रात में सोते समय ज्यादा पसीना आ सकता है। क्योंकि सोते समय भी शरीर को आराम न मिलने पर दिल पर जोर पड़ता रहता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है।
4.सोते समय ज्यादा पसीना आना नर्वस सिस्टम के फेल होने का भी संकेत होता है। इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है और नब्ज तेज चलने लगती है। इससे हाथ-पैरों में कंपन होता है।
5.ब्लड शुगर का स्तर गिरने पर भी सोते समय पसीना आ सकता है। क्योंकि सोने से पहले ब्लड ग्लूकोज स्थिर होता है, लेकिन सोने के बाद इसमें अचानक गिरावट आ जाती है। 6.पाचन तंत्र में दिक्कत होने पर भी सोते समय ज्यादा पसीना आता है। क्योंकि खाना पचाने के लिए मेटाबॉलिज्म को सोते समय भी काम करना पड़ता है। मगर उस वक्त ये प्रक्रिया बहुत धीमी होती है। ऐसे में डाइजेशन सिस्टम को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है।
7.सांस लेने के दौरान बॉडी को ऑक्सीजन न मिलने से भी पसीना आने लगता है। इससे मांसपेशियों को दोगुना काम करना पड़ता है। 8.जिन लोगों को सीने में जलन और दर्द की शिकायत होती है उन्हें भी सोते समय पसीना आता है। ऐसे लोगों का रात का खाना सोने से करीब दो से ढाई घंटे पहले कर लेना चाहिए।
9.ज्यादा तलाभुना खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति को सोते समय ज्यादा पसीना आता है। 10.कई बार बहुत-सी दवाइयों के सेवन से भी पसीना आ सकता है। खासतौर पर ट्राइसाइक्लिक या टीसीए और स्टेरॉयड लेने से भी पसीने की ग्रंथियां ज्यादा सक्रिय हो सकती हैं। समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।