दस का दम

कभी खानाबदोश तो कभी सिक्ख बनकर नारायण साईं ने दिया पुलिस को चकमा, 58 दिनों में बदले थे इतने रूप

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से हुई थी नारायण साईं की गिरफ्तारी, उस वक्त वो सरदार के वेश में था
पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था, उसे पकड़ने के लिए लुधियाना पुलिस ने ईनाम भी रखा था

Apr 27, 2019 / 09:47 am

Soma Roy

कभी खानाबदोश तो कभी सिक्ख बनकर नारायण साईं ने दिया पुलिस को चकमा, 58 दिनों में बदलें थे इतने वेश

नई दिल्ली। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में साल 2013 से जेल में बंद आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं को आखिरकार कोर्ट ने दोषी मान लिया है। इस पर अंतिम फैसला 30 अप्रैल को सुनाया जाएगा। अपने पिता की तरह कुकर्म में लिप्त नारायण को सजा मिलता देख भले ही लोग चैन की सांस ले रहे हैं, मगर उसे पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। दरअसल नारायण साईं ने लगातार 58 दिनों तक अलग-अलग वेश बदलकर पुलिस को चकमा दिया था।
1.मालूम हो कि नारायण साईं पर नाबालिग से दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। इस मामले में उसे पकड़ने के लिए वारेंट जारी किया गया था, लेकिन पुलिस के चंगुल से बचने के लिए नारायण ने कई रूप बदले थे।
2.नारायण साईं अपने पिता आसाराम बापू की तरह ही वेश बदलने में माहिर था। जिस तरह से आसाराम कृष्ण बनकर भक्तों को रिझाने की कोशिश करता था। वहीं नारायण साईं भी पुलिस से बचने के लिए कभी खानाबदोश का रूप धरता तो कभी खुद को सिक्ख बना लेता था।
3.पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए नारायण साईं लगातार एक शहर से दूसरे शहर भाग रहा था। इसी बीच वो अपने हुलिये को भी बदल रहा था। जिससे उसकी पहचान न हो सकें।
4.पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए नारायण साईं करीब 58 दिनों तक फरार रहा था। बताया जाता है कि इन दिनों उसने करीब 5 से भी ज्यादा लुक बदले थे। कभी वो क्लीन शेव रहता था। तो कभी पगड़ी चढ़ाकर सिक्ख की वेशभूषा धारण कर लेता था।
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5.गिरफ्तारी के समय नारायण साईं सिक्ख के रूप में था। जबकि इससे पहले वो सूरत के हाइवे, लुधियाना आदि जगहों में बेहरूपिया बनकर रह रहा था। पुलिस के मुताबिक नारायण साईं सूरत और लुधियाना के हाइवे में खानाबदोश बनकर घूमता था।
6.वहीं वो कुछ समय लुधियाना के गौशाला में भी रहा था। यहां वो आम नागरिकों की तरह रह रहा था। पुलिस ने उसे पकड़ने की काफी कोशिश की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। तभी लुधियाना पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया और उसे पकड़ने के लिए पांच लाख रुपए का ईनाम भी रखा था।
7.58 दिनों तक पुलिस को चकमा देने के दौरान नारायण साईं करीब 9 राज्यों के चक्कर काटता रहा। शुरुआती दौर में वो कुरुक्षेत्र के पीपली गांव में छिपकर रह रहा था। यहां वो एक गांव वाले के वेश में था।
8.इस बात का पता सूरत पुलिस की इंवेस्टिगेशन में लगा था। उसकी लोकेशन कुरुक्षेत्र में ट्रैक की गई थी। उसे पकड़ने के लिए लुधियाना पुलिस मौके पहुंची थी। मगर पुलिस के हाथ लगने से पहले ही नारायण दिल्ली भाग गया।
9.पुलिस के मुताबिक नारायण को पकड़ने के लिए उन्हें करीब 58 दिनों तक मशक्कत करनी पड़ी थी। वो पहले कुरुक्षेत्र में छुपा। उस पर एफआईआर दर्ज होने के वक्त वो जयपुर में था। बाद वो आगरा भाग गया। इस बीच वो सीतापुर के नैमी शारण्य, लुधियाना, महाराष्ट्र, गुजरात, वालसाड और दिल्ली के राजोकरी आश्रम में भी रहा।
10.पुलिस की नजरों से बचने के लिए नारायण साईं इन जगहों में अपना हुलिया बदलकर गया। उसने क्लीन शेव रखने से लेकर बिजनेसमैन तक का लुक रखा था। आखिर में उसे दिल्ली हरियाणा बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया।
11.मालूम हो कि नारायण सांई पर अपनी शिष्या से दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। उस मामले मे वो सितंबर साल 2013 से जेल में बंद था। नारायण पर रेप के अलावा भी कई अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। नारायण रूप बदलने की अपनी इस कला का प्रदर्शन वो अक्सर
धार्मिक सभाओं में करता था। वो ज्यादातर कृष्ण भगवान का रूप धारण करना पसंद करता था।

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