1.मुन्ना लाहौरी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का टॉप कमांडर था। वह दक्षिण कश्मीर में आतंक फैलाने का काम करता था। कश्मीर पर कहीं फिर तो नहीं आतंक का साया, अजीत डोभाल ने इन 10 खतरों को भांप बढ़ाई जवानों की तैनाती
2.मुन्ना लाहौरी को बिहारी के नाम से भी जाना जाता था। आतंकी संगठन के नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए मुन्ना उन तक खूफिया जानकारियां पहुंचाया करता था। 3.मुन्ना आइईडी बनाने में एक्सपर्ट था। IED एक तरह का विस्फोटक डिवाइस होता है। इसका पूरा नाम Improvised Explosive Device है। इसे किसी भी वाहन या जगह पर आसानी से लगाया जा सकता है।
4.वैसे तो आइईडी बनाने के लिए बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। मगर मुन्ना लाहौरी इसे बनाने के लिए आम जरूरत की चीजों का इस्तेमाल करता था। जो उसे आसानी से मिल जाती थीं।
5.इतना ही नहीं आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए मुन्ना लाहौरी जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नौजवानों को ट्रेनिंग भी देता था। वो उन्हें IED तैयार करना सिखाता था। 6.IED एक ऐसा खतरनाक बम होता है जो बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। जैश-ए-मोहम्मद का टॉप कमांडर मुन्ना जौहरी कश्मीर को तबाह करने के लिए इस बम का इस्तेमाल करता था।
7.बनिहाल में 30 मार्च को हुए आतंकी हमले में मुन्ना लाहौरी का हाथ था। इसमें सुरक्षाबलों के काफिले की एक कार को निशाना बनाया गया था। इसके अलावा 17 जून को पुलवामा के अरिहल में सेना के वाहन पर हुए हमले का जिम्मेदार भी लाहौरी ही था।
8.सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक मुन्ना लाहौरी ने अपने साथियों के साथ जम्मू-कश्मीर के शोपियां में अपना अड्डा बना रखा था। यहीं से वो आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते थे। 9.मुन्ना लाहौरी कश्मीरी नौजवानों को बरगलाने की कोशिश करता था। साथ ही उन्हें आतंकी संगठनों से जुड़ने की अपील करता था। इसके लिए वो समय-समय पर मीटिंग भी करता था।
10.मुन्ना लाहौरी मूलरूप से पाकिस्तान का निवासी था। मगर भारत में आतंकवाद की जड़ों को फैलाने के लिए कश्मीर में रहता था।