scriptश्रीराम की बात मानकर आज भी इस जगह रह रहे हैं हनुमान, ये है इस बात का सबूत | lord bajrangbali is still alive, he is living in gadhmadan mountain | Patrika News
दस का दम

श्रीराम की बात मानकर आज भी इस जगह रह रहे हैं हनुमान, ये है इस बात का सबूत

हिमालय में कैलाश पर्वत की उत्तर दिशा में है गंधमादन पर्वत, इस जगह है हनुमान जी का वास

Jan 26, 2019 / 01:04 pm

Soma Roy

gadhmadan parvat

श्रीराम की बात मानकर आज भी इस जगह रह रहें हैं हनुमान, ये है इस बात का सबूत

नई दिल्ली। प्रभु श्रीराम के भक्त हनुमान को अमर माना जाता है। पुराणों के अनुसार श्रीराम एवं सीता माता ने बजरंगबली को कलयुग में अधर्म के नाश और धर्म के प्रसार के लिए अमरत्व का वरदान दिया था। इसी कारण धरती पर कुछ प्रमुख स्थानों को हनुमान का निवास स्थान माना जाता है। इन्हीं विशेष जगहों में से गंधमादन पर्वत एक है।
1.गंधमादन एक छोटा-सा पर्वत है, जो हिमालय के कैलाश पर्वत के उत्तर दिशा में स्थित है। वर्तमान में ये तिब्बत के क्षेत्र में आता है। यहां जाने के तीन रास्ते हैं। पहला मार्ग नेपाल होते हुए मानसरोवर के आगे, दूसरा विकल्प भूटान के पहाड़ी इलाके से और तीसरा रास्ता अरुणाचल से चीन होते हुए है।
2.गंधमादन पर्वत बजरंगबली का निवास स्थान है, इस बात की पुष्टि कई पुराणों एवं हिंदू धर्म ग्रंथों में हुई है। श्रीमद् भागवत गीता में इस पर्वत के बारे में प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। एक अन्य ग्रंथ महाभारत में भी इस पर्वत का विवरण है। इसमें पांडव और हनुमान के भेंट के बारे में बताया गया है।
3.हनुमान जी ने पूरी धरती में गंधमादन को ही अपना निवास स्थान क्यों बनाया, इस बात का उत्तर श्रीमद् भगावत् पुराण में मिलता है। इस धर्म ग्रंथ के अनुसार जब प्रभु श्रीराम धरती से बैकुंठ को प्रस्थान कर रहें थे, तभी उन्होंने हनुमान को धरती पर रहने का आदेश दिया। प्रभु की इच्छानुसार बजरंगबली ने ईश्वरीय शक्ति से युक्त गंधमादन को अपना निवास स्थल चुना।
4.इस पर्वत पर एक मंदिर है। जिसमें बजरंगबली के साथ श्रीराम की भी मूर्ति है। पुराणों के अनुसार इसी स्थान पर प्रभु श्रीराम ने वानर सेना के साथ मिलकर रावण के साथ युद्ध के लिए योजना बनाई थी। कई लोगों का मानना है कि आज भी इस जगह श्रीराम के पद् चिन्ह् मौजूद हैं।
5.अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव हिमवंत पार करके गंधमादन पर्वत के पास पहुंचे थे। तभी भीम सहस्त्रदल कमल लेने के लिए इस पर्वत के वन में आए थे। वहां उन्होंने हनुमान को लेटा देखा। भीम ने बजरंगबली को उस स्थान से हटने को कहा, किंतु हनुमान नहीं हटे। उन्होंने भीम से उनका पैर हटाकर जाने को कहा। शक्तिशाली होने के बावजूद भीम हनुमान को नहीं हटा सके, इस प्रकार उनका घमंड भी चूर-चूर हो गया।
6.गंधमादन पर्वत अपने आप में बहुत खास है। पहले ये कुबेर के राज्य क्षेत्र मे था। यहां हनुमान से पहले भी कई महानुभाव रह चुके हैं।

7.यहां महर्षि कश्यप ने तप किया था। इसके अतिरिक्त कई अन्य ऋषि-मुनियों, अपसराओं व किन्नरों ने भी इस पर्वत को अपना निवास स्थान बनाया था।
9.गंधमादन पर्वत के नामकरण की कथा भी रोचक है। ग्रंथों के वर्णन के अनुसार इस पर्वत पर कई जड़ी-बूटियों के वृक्ष है। पूरा वन इनसे सुगंधित होता है। इसी कारण पर्वत का नाम गंधमादन पड़ा। सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में इन्हें गजदंत पर्वत के नाम से भी जाना जाता था।
10.कैलाश के उत्तर दिशा के अलावा रामेश्वर में भी एक गंधमादन पर्वत है। इस स्थान से हनुमान जी ने समुद्र पार कर लंका पहुंचने के लिए छलांग लगाई थी।

Hindi News / Dus Ka Dum / श्रीराम की बात मानकर आज भी इस जगह रह रहे हैं हनुमान, ये है इस बात का सबूत

ट्रेंडिंग वीडियो