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1.शास्त्रों में बताया गया है कि तुलसी के पत्तों को कभी भी नाखूनों से नहीं तोड़ना चाहिए इससे आपको दोष लगता है घर पर अशुभ असर पड़ता है।
2.इसी के साथ कभी भी शाम के समय सूर्यास्त होने के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और ना ही तुलसी को स्पर्श करना चाहिए।
3.रविवार के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने पर पाबंदी होती है कहा जाता है कि इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से परेशानियां हावी होने लगती हैं।
4.रविवार के दिन के अलावा एकादशी, चंद्र ग्रहण और द्वादशी के दिन भी तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही होती है इस दौरान इन्हे तोड़ने से आप पाप के भागीदार बनते हैं।
5.तुलसी के पत्तों को कभी चबाना नहीं चाहिए इसके बदले इन्हें निगल लें क्योंकि तुलसी में पारा धातु होता है जो दाँतों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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6.शास्त्रों में बताया गया है कि कभी भी भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना शिव जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित है।
7.मुरझाया या सूखा हुआ तुलसी का पत्ते कभी भी पूजा या धार्मिक काम में इस्तेमाल ना करें इसे तुलसी के पौधे में मिट्टी में दबा दें।
8.किसी भी शुभ कार्य, शुभ मुहूर्त, विवाह, ग्रह प्रवेश जैसे धार्मिक कार्यों में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करने से आपका कार्य बिना विघ्न के पूरा होता है।
9.एक बार तोड़े गए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल लगातार 11 दिन तक किया जा सकता है ये 11 तक बासी नहीं होते हैं लेकिन इस्तेमाल करने से पहले इन्हे गंगा जल से साफ कर लेना चाहिए।
10.तुलसी के पौधे में देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है इसलिए वास्तु के हिसाब से इसे घर की उत्तर पूर्व दिशा में रखना अधिक लाभकारी होता है।