बर्थडे स्पेशल : मुसीबतों से घिरी रही है एक्टर विंदू दारा सिंह की जिंदगी, ये रहें उनसे जुड़े 10 विवाद 1.प्रदूषण से बचने के लिए ज्यादातर लोग जालीदार, हल्के मास्क लगाए हुए दिखते हैं, लेकिन हकीकत में ये आपको पॉल्यूशन से नहीं बचा सकते हैं। क्योंकि धूल के कण काफी बारीक होते हैं, ये नॉर्मल मास्क में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं।
2.हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मास्क ऐसा होना चाहिए जो धूल के बारीक कण जैसे 2.5 पीएम की मात्रा को भी सांस में प्रवेश करने से रोक सके। 3.मानक के अनुसार मास्कों को अलग-अलग रेटिंग दी जाती है। जो मास्क धूल-मिट्टी के कण ज्यादा रोकने में सक्षम होते हैं उन्हें N95 रेटिंग दी जाती है। इस मास्क को सबसे बेहतर माना जाता है।
4.चूंकि इंडिया के कई शहरों जैसे-दिल्ली, कानपुर, लखनऊ आदि में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है। ऐसे में नॉर्मल मास्क फायदेमंद नहीं होगा। इसके लिए खास कोटिंग वाले मास्क उपयोगी होंगे। इसमें कार्बन फाइबर की लेयर होती है।
5.कार्बन फाइबर लेयर वाले मास्क बैक्टीरिया और वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। साथ ही ये दुर्गन्ध से भी बचाता है। हालांकि इन मास्क की कीमत ज्यादा है। ये 1500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक आते हैं।
रोजाना दिन में एक बार पी लें सत्तू का घोल, बुढ़ापे में भी दिखेंगे जवां 6.खास तकनीक से बने फेस मास्क में कई तरह के फिल्टर्स भी लगे होते हैं। ये धूल के कणों को छानकर स्वच्छ हवा आप तक पहुंचाते हैं। कई मास्क में दो वाल्व भी लगे होते हैं।
7.मास्क खरीदते समय इसके शेप का जरूर ध्यान दें। क्योंकि जरूरत से ज्यादा बड़ा या छोटा मास्क आपकी नाक और मुंह को कवर नहीं कर पाएगा। इससे धूल-मिट्टी के कण सांस से शरीर के अंदर चले जाएंगे।
8.एक फेस मास्क करीब 6 महीने तक ठीक से काम कर सकता है। जिन जगहों में पॉल्यूशन ज्यादा है वहां ये तीन महीने में भी खराब हो सकते हैं। 9.अगर आप मास्क का रेगुलर इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसमें जमी धूल-मिट्टी को निकालने के लिए इसे करीब 10 से 15 मिनट तक नॉर्मल पानी से धोएं। हालांकि इसे रगड़ना नहीं चाहिए और न ही निचोड़ना व धूप में सुखाना चाहिए।
10.मास्क को धोते समय ज्यादा गर्म या ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से मास्क के छेद बड़े हो सकते हैं। इससे धूल-मिट्टी के कण रुक नहीं पाएंगे।