स्किन को हमेशा रखना है ग्लोइंग तो करें इस जड़ी बूटी का प्रयोग 1.कालमेघ में एंटी-इंफ्लामैट्री, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीट्यूमर और एंटीडाइबेटिक गुण होते हैं। इसलिए इसके सेवन से डायबिटीज, घाव भरना एवं दिल की बीमारियों आदि में लाभ होता है।
2.कालमेघ में एंटी-क्लोटिंग गुण (anti-clotting properties) रक्त के नियमित प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही ये खून के थक्के जमने से भी रोकता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।
3.कालमेघ का अर्क कैंसर के लिए बहुत उपयोगी साबित होता है। रोजाना इसके एक चम्मच चूर्ण को खाने से कैंसर के बैक्टीरिया शरीर में नहीं फैल पाते हैं। 4.कालमेघ का पल्प अनिद्रा को दूर करने के लिए भी मददगार साबित होता है। ये मस्तिष्क को शांत करके उसे अच्छा महसूस कराता है। इससे व्यक्ति को गहरी नींद आती है।
5.कालमेघ में तीन डाइटरपीन यौगिक पाए जाते हैं। ये एंटीबॉडी की महत्वपूर्ण उत्तेजना को बढ़ावा देते हैं। जिससे शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट होती है। इस बार होली पर बन रहा है ये खास संयोग, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त
6.कालमेघ का रस वायरल संक्रमण से पीड़ित लोगों के लिए एक रामबाण इलाज है। इसे पीने से फूड प्वाइजनिंग या किसी अन्य तरह का संक्रमण नहीं होता है। 7.आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार रोजाना एक चम्मच कालमेघ के चूर्ण का सेवन करने से पेट के एसिड और पाचन एंजाइमों के साथ-साथ लार का उत्पादन बढ़ता है। जिससे अपच, गैस्ट्रिक आदि की समस्या हल होती है।
8.कालमेघ के चूर्ण के सेवन से कार्बन टेट्राक्लोराइड जैसे रसायन निकलते हैं, जो यकृत को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। 9.कालमेघ के पल्प को लगाने से चोट या घाव को ठीक होने में मदद मिलती है। क्योंकि ये कोलेजन और कोशिकाओं की सूजन को कम करता है।
10.बुखार से छुटकारा पाने के लिए कालमेघ की पत्तियों को 40 से 60 पानी में उबाल करके इसे हल्का ठंडा करके रोगी को पिलाएं। इससे आराम मिलेगा।