1.जन्माष्टमी का व्रत अष्टमी तिथि से प्रांरभ होता है। वहीं व्रत का पारण नवमी तिथि को होता है। इस बार जन्माष्टमी 24 अगस्त को है। पूजन का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 1 मिनट से 12:46 तक है। वहीं व्रत के पारण का समय सुबह 5:59 बजे है।
2.जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को प्रसन्न करने के लिए सुबह जल्दी उठकर घर साफ करें। अब स्नान के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। 3.जन्माष्टमी का व्रत रखते समय हाथ में जल लेकर संकल्प लें। अब दोपहर के समय जल में तिल डालकर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं। यहीं लड्डू गोपाल का जन्म कराएं।
4.पूजा स्थान पर कलश में आम के पत्ते रखकर स्थापित करें। अब भगवान श्रीकृष्ण की देवकी माता के साथ मूर्ति या तस्वीर रखें। 5.जन्माष्टमी की पूजा शुभ मुहूर्त पर करें। रात के 12 बजे खीरा काटकर श्रीकृष्ण का जन्म कराएं। अब भगवान को गंगाजल, दूध और पंचामृत से स्नान कराएं।
6.पंडित गिरधारी प्रसाद के अनुसार भगवान के अभिषेक के बाद उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं और मोर मुकुट लगाएं। अब पूरे शंख एवं घंटी बजाएं। 7.लड्डू गोपाल को प्रसाद में पंजीरी और मिष्ठान का भोग लगाएं। पूजन के बाद इसे दूसरों को बांटे और खुद भी ग्रहण करें।
8.जो लोग घर में सुख-समृद्धि चाहते हैं उन्हें जन्माष्टमी के दिन घर के कोनों में मोरपंख लगाना चाहिए। इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होगा। 9.मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्रीकृष्ण के पास बांसुरी रख दें। इसमें एक भोजपत्र पर अपनी इच्छा लिखकर रख दें। अब लड्डू गोपाल की छठी तक रोजाना इसे धूप-दीप दिखाएं, इससे जल्द ही आपका काम बन जाएगा।
10.लड्डू गोपाल को प्रसन्न करने के लिए माखन और मिश्री का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपके सारे काम बन जाएंगे।