1.भारत में ये अभी तक का सबसे बड़ा पावर कट माना जाता है। रात के ढ़ाई बजे से हुई बिजली गुल में दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश आदि राज्य शामिल थे। इससे लगभग 36 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।
19 साल के इस खूंखार आतंकी की थी कश्मीर उड़ाने की प्लानिंग, मंसूबे को अंजाम देने के लिए करता था ये 10 काम 2.पूरे उत्तर भारत में पसरे अंधेरे की वजह उत्तरी ग्रिड का फेल होना बताया गया था। इस सिलसिले में बिजली विभाग की एक स्टैंडिंग कमेटी ने रिपोर्ट भी जारी की थी। जिसके तहत बिजली गुल होने के पीछे कई कारण बताए। रिपोर्ट के मुताबिक ‘ग्रिड अनुशासन’ की कमी के चलते इतने बड़े स्तर पर ब्लैक आउट हुआ था।
3.रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बिजली का असामान्य वितरण भी पावर कट की वजह बना। क्योंकि कुछ राज्यों में 24 घंटे बिजली दी जा रही थी। इससे लोड ज्यादा बढ़ रहा था। क्षमता से ज्यादा बिजली देने के चलते ग्रिड अचानक फेल हो गई थी।
4.किस जगह कितनी बिजली सप्लाई करनी है इसका हिसाब रखा जाता है। मगर साल 2012 के दौरान बिजली का कोई ऑडिट न होने की वजह से यह स्थिति पैदा हुई थी। इससे 48,000 मेगावॉट का नुकसान भी हुआ था।
5.कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक इतने बड़े स्तर पर पावर कट की वजह सभी स्टेशनों का काम न करना था। बताया जाता है कि पावर फेलियर के दौरान महज चार सब स्टेशन ही काम कर रहे थे। इससे ओवरलोड हो गया था। जिससे ग्रिड फेल हो गई थी।
6.ब्लैक आउट की एक बड़ी वजह कमजोर इंटर-रीजनल कॉरिडोर भी था। रिपोर्ट के मुताबिक आगरा लिंक पर 400 केवी बिजली का नुकसान पहले से ही बोझ था। ऐसे में अतिरिक्त बिजल सप्लाई के प्रेशर ने समस्या को बढ़ा दिया था।
7.साल 2012 में हुए ब्लैक आउट के पीछे राज्य के लोड डिस्पैच सेंटर का ध्यान न देना भी एक बड़ी वजह रहा। कमेटी के मुताबिक अगर समस्या के बारे में पहले से चर्चा की जाती तो इसका समाधान समय रहते ही निकाल लिया जाता।
8.कमेटी के मुताबिक घटना के वक्त अगर ग्रिड का संचालन ठीक से होता और सारे सब स्टेशन काम करते तो मुसीबत को टाला जा सकता था। 9.मालूम हो कि इतने बड़े स्तर पर हुए पावर कट से दो दिन तक लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा था। भारत के इतिहास में ये काले पन्ने की तरह दर्ज है।
10.देश के एक तिहाई हिस्से के अंधेर में डूब जाने से रेल व्यवस्था तक ठप हो गई थी। अंधेरे की वजह से कोई हादसा न हो इसके लिए करीब 300 इंटर सिटी ट्रेनों को रास्ते में ही रोक दिया गया था।