प्रेगनेंसी के 24वें हफ्ते से बच्चे के मस्तिष्क में होता है तेजी से बदलाव
•May 05, 2018 / 12:21 pm•
Soma Roy
हर मां चाहती है कि उसका बच्चा होशियार और स्मार्ट हो। उसका दिमाग इतना तेज हो कि वो किसी भी चीज को जल्दी सीख लें। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने खान—पान का खास ख्याल रखना होगा क्योंकि इसी दौरान बच्चे के मस्तिष्क का विकास होता है।
इंटेलीजेंट बच्चे की चाह रखने वाली महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान अपने भोजन में भरपूर विटामिन्स लेने चाहिए। इससे बच्चे का दिमाग सही तरीके से विकसित होता है।
बच्चों के मस्तिष्क पर हुए रिसर्च के मुताबिक भ्रण का डेवलपमेंट 3 सप्ताह बाद शुरू हो जाता हे। इसलिए गर्भवती महिला जो भी खाना खाती है, उसी के अनुसार बच्चे का दिमाग एक रूप लेता है। i
बच्चों का दिमाग सबसे ज्यादा प्रेग्नेंसी के 24वें हफ्ते से लेकर 42वें हफ्ते तक विकसित होता है। इस दौरान बच्चे के माइंड में तेजी से बदलाव होते हैं। जबकि 34वें हफ्ते से मस्तिष्क का मुख्य भाग तैयार होता है।
नए डीएनए बनाने के लिए फोलेट नामक रसायन की जरूरत होती है। इसे बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कच्चे पालक का सलाद एवं सूप पीना चाहिए। इसमें एंटी आॅक्सिटेंड काफी मात्रा में पाया जाता है। ये बच्चे के मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट होने से बचाता है।
डीएचए(डोकोसाहेक्सानोइक एसिड) के निर्माण के लिए सैडाइन नामक समुद्री मछली बहुत फायदेमंद साबित होती है। बता दें कि डीएचए के जरिए ही भ्रूण के मस्तिष्क का विकास संभव होता है। इस मछली में विटामिन डी काफी मात्रर में पाया जाता है।
बच्चे की याददाश्त बढ़ाने एवं सीखने की क्षमता विकसित करने के लिए गर्भवती महिलाओं को अपने भोजन में प्रोटीन लेना चाहिए। इसके लिए अंडे एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें मौजूद कोलीन एवं प्रोटीन मस्तिष्क की पॉवर बढ़ाते हैं।
बच्चे के ब्रेन सेल्स का निर्माण डीएचए से होता है। इसे विकसित करने के लिए विटामिन ई की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रेगनेंट औरतों को मूंगफली एवं बादाम खाने चाहिए। इसमें विटामिन ई और प्रोटीन काफी मात्रा में होता है।
बच्चे के विकसित हो रहे मस्तिष्क में आधे से ज्यादा हिस्सा मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड से बनाता है। इसलिए माताओं को प्रेगनेंसी के दौरान एवाकाडो नामक फल खाने चाहिए। ये नर्व सेल की सुरक्षा करता है।
बच्चे के मस्तिष्क की संरचना के विकास के लिए जिंक की भी जरूरत होती है। इस कमी को पूरा करने में कद्दू के बीज बहुत सहायक होते हैं। रिसर्च के मुताबिक दिमाग के निर्माण में कम से कम 7 ग्राम जिंक की आवश्यकता होती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को भुने हुए कद्दू के बीज बिना छीले खाने चाहिए।
प्रोटीन और आयरन से बच्चे का नर्व सिस्टम सही रहता है। इसके विकास के लिए स्त्रियों को कई तरह की दालें और बीन्स खाने चाहिए। इससे बच्चे को आयरन फोलेट, फाइबर और कैल्शियम मिलता है।
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