1.तमाम मुश्किलों का सामनाकर भोलेनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों के लिए अमरनाथ की यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी। जो कि 15 अगस्त तक चलेगी। 2.46 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले के छोटे बालटाल मार्ग से शुरू होगी।
3.यात्रा से पहले पाक सीमा और यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं। जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की तकलीफ का सामना न करना पड़े। 4.अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर इस बार यात्रा का रजिस्ट्रेशन कार्ड बारकोड (क्विक रिएक्शन कोड) के साथ उपलब्ध कराया गया है।
5.कार्ड वैलिड है कि नहीं इसकी जांच के लिए बारकोड पर वाटर मार्क और अमरनाथ श्राइन बोर्ड का लोगो भी अंकित किया गया है। 6.अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार बारकोड पर यात्री का विवरण होने से अगर वो किसी दुर्घटना का शिकार हो जाए या किसी आपदा में फंस जाए तो उसकी पहचान हो सकेगी।
7.अधिकारियों के मुताबिक बार कोड में दिए गए श्राइन बोर्ड के लोगो और अहम जानकारी को मैग्नीफायर ग्लास के जरिए ही देखा जा सकेगा। 8.श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक इस बार दर्शन के लिए एक हजार से ज्यादा भक्तों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं।
9.इस बार बाबा बर्फानी की ऊंचाई 22 फुट है। जिसे पिछली बार के मुकाबले ज्यादा माना जा रहा है। साथ ही वायरल हुई बर्फ के मुताबिक इस बार शिवलिंग की आकृति काफी ठोस बनी है।