अक्षय तृतीया : आज सुबह उठते ही करें ये काम मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न 1.गणेश जी की पूजा कभी भी काले वस्त्र पहनकर नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ये नकारात्मकता का रंग माना जाता है। जबकि गजानन की आराधना पीले, सफेद या लाल रंग के कपड़े पहनकर करनी चाहिए।
2.गणेश भगवान के सामने दीपक जलाते समय बार-बार उसका स्थान न बदलें। क्योंकि कई लोग दीया जमीन पर जलाने के बाद उसे सिंघासन पर रखते हैं या उसकी स्थिति को ठीक करते हैं। मगर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से पूजा का कोई फल नहीं मिलेगा।
3.जो लोग
बुधवार के दिन व्रत रखते हैं और गणेश जी की पूजा करते हैं उन्हें नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसे अशुद्ध माना जाता है। ऐसा करने पर जीवन में संकट आ सकते हैं।
4.गजानन को भोग में लगाई गई चीजें पूजा के बाद सिंघासन पर न छोड़ें। इससे घर में दरिद्रता आ सकती है। पूजन के बाद इसे दूसरों को प्रसाद के तौर पर बांट दें और खुद भी ग्रहण करें।
5.गणेश जी को कभी भी पूजा में तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं। क्योंकि एक बार तुलसी गणेश जी को देखकर उन पर मोहित हो गई थी और उनसे विवाह करना चाहती थीं। मगर गणेश ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया। तभी तुलसी ने गजानन को दो शादी करने का श्राप दे दिया था।
घर में नहीं टिकता है पैसा तो गुलाब के फूल में कपूर रखकर करें ये काम, धन से भर जाएगा खजाना 6.लंबोदर को दूर्वा बहुत पसंद है क्योंकि एक बार उनके पेट में जलन पड़ रही थी। तब उन्हें 21 गांठों वाली दूर्बा दी गई थी। ऐसे में पूजा में 21 गांठों वाली दूर्वा ही चढ़ाएं। इससे कम दूर्वा चढ़ाने पर पूजा सार्थक नहीं मानी जाएगी।
7.गणेश जी की घर में एक से ज्यादा मूर्ति या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि इससे मूर्ति दोष लग सकता है। साथ ही धन की हानि हो सकती है। 8.गणेश जी को पंचामृत भी नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि इसमें मौजूद दही चंद्र का प्रतीक होती हैं और चंद्र देव को गजानन ने श्राप दिया था।
9.गणेश चतुर्थी के दिन चांद नहीं देखना चाहिए। इससे व्यक्ति को अपमानित होना पड़ सकता है। क्योंकि चंद्र देव के गणेश जी का मजाक उड़ाने पर उन्होंने चंद्र को क्षीण होने का श्राप दिया था।
10.गणेश चतुर्थी के दिन कभी पेड़ से कैथा नहीं तोड़ना चाहिए। क्योंकि ये गणेश भगवान का पसंदीदा फल है और गजानन के पूजा वाले दिन इसे तोड़ना भगवान का अपमान समझा जाता है।