1.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष अमरनाथ यात्रा शुरू होने के पहले 10 दिनों में एक लाख से ज्यादा लोगों ने दर्शन किए हैं। जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हैं। देवशयनी एकादशी : आज विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए करें ये 10 काम, पूरी होगी मनोकामनाएं
2.अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के सफलतापूर्वक बाबा के दर्शन के लिए बेहतर सुरक्षा इंतजाम को श्रेय दिया है। उनके मुताबिक अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले के खतरे के चलते इस बार ज्यादा कड़े इंतजाम किए गए हैं। जिसका लाभ दर्शनार्थियों को मिल रहा है।
3.इस साल बाबा बर्फानी 22 फुट के बने हैं। जो कि पिछले साल से ज्यादा है। साल 2018 में शिव आकृति की ऊंचाई 15 फीट थी। 4.इस साल बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पिछले वर्ष से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। मगर भक्तों की बढ़ती भीड़ से शिव आकृति के जल्दी पिघलने का खतरा बढ़ गया है। इससे ग्लोबल वॉर्मिंक के बढ़ने की भी आशंका है।
5.एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमरनाथ ग्लेशियरों से घिरा है। ऐसे में ज्यादा लोगों के वहां पहुंचने से तापमान के बढ़ने की आशंका होगी। इससे ग्लेशियर जल्दी पिघलेंगे। 6.साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से शिव का प्राकृतिक स्वरूप तेजी से पिघल गया था। आंकड़ों के मुताबिक उस वर्ष यात्रा के महज 10 दिन में ही शिव पिघलकर डेढ़ फीट के रह गए थे। तब तक महज 40 हजार भक्तों ने ही दर्शन किए थे।
7.साल 2016 में प्राकृतिक बर्फ से बनने वाला शिव का स्वरूप 10 फीट का था। जो अमरनाथ यात्रा के शुरूआती सप्ताह में ही आधे से ज्यादा पिघल गया था। ऐसे में यात्रा के शेष 15 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्धालु बाबा बर्फानी के साक्षात दर्शन नहीं कर सके थे।
8.साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान शिव आकृति की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष बाबा बर्फानी महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे।
9.मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में बाबा बर्फानी के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था। 10.साल 2018 में भी बाबा बर्फानी के तेजी से पिघलने का सिलसिला जारी था। 28 जून से शुरू हुई 60 दिवसीय इस यात्रा में एक महीने बीतने पर करीब दो लाख 30 हजार यात्रियों ने दर्शन किए थे। मगर इसके बाद दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का बाबा बर्फानी के साक्षात दर्शन नहीं हुए। बाबा दर्शन देने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे।