नई दिल्ली। हिंदू धर्म ग्रंथों में कई पौराणिक कथाएं पढ़ने और सुनने को मिलती है। इन्हीं में से एक नागलोक की कथा है। बताया जाता है कि धरती पर एक ऐसी जगह है जहां आज भी नाग यानि सर्प लोक मौजूद है। इस स्थान पर काले रंग का एक सांप शिव जी की पहरेदारी करता है। इसका महाभारत काल से संबंध है।
1.नागलोक छत्तीसगढ़ के जशपुर में स्थित है। इस जगह को तपकरा के नाम से जाना जाता है। ये आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। इसकी गिनती आज भी काफी पिछड़े इलाकों में होती है। 2.यहां देश में सांपों की सबसे ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। बताया जाता है कि इस जगह सांपों की करीब 40 प्रजातियां हैं, जिनमें करीब 4-5 प्रजातियों के सर्प विषैले हैं।
3.जंगलों से घिरा जशपुर का तपकरा इलाका जादुई तिलस्म से भरा हुआ है। यहां स्थित पहाड़ पर एक गुफा है। जो करीब 400 मीटर दूर तक फैला है। जिसे कोतेविरा कपाट द्वार या पातालद्वार कहा जाता है।
4.लोगों का मानना है कि जो भी इस गुफा में गया, वो आज तक नहीं लौटा। इसीलिए गुफा का मेन गेट एक बड़े से चट्टान से बंद करके रखा गया है। 5.तपकरा इलाके में शिव जी का एक प्राचीन मंदिर भी है। बताया जाता है पहले यह इलाका दंडकारण्य वन में पड़ता था। यहां रावण की बहन शूर्पनखा भगवान शिव की पूजा करती थीं। इसके अलावा वनवास के दौरान भगवान श्रीरामचंद्र सीता माता के साथ इव नदी के किनारे बने इसी मंदिर में शिव की आराधना करते थे।
6.मान्यताओं के मुताबिक पाताल द्वार से नागराज आकर शिव की पहरेदारी करते थे। रामचंद्र के जाने के बाद भी शिव के पास नाग पहरा देते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक आज भी एक काला नाग मंदिर शिवलिंग की पहरेदारी करते हुए दिख जाता है।
7.नागलोक का महाभारत काल से भी कनेक्शन है। बताया जाता है कि द्वापर युग में जब भीम छोटे थे, तब दुर्योधन ने धोखे से उन्हें जहरीली खीर खिला दी थी। तब मरणासन्न अवस्था में बहते हुए इव नदी में आ गए थे, जहां पर नदी में स्नान कर रही नाग कन्याओं की नजर उन पर पड़ी। वे भीम को इलाज के लिए नागलोक ले गई। इसके बाद से इंसानों का प्रवेश नागलोक में वर्जित कर दिया गया।
9.बताया जाता है कि भीम के स्वस्थ हो जाने पर वे नागलोक के राजा से मिलें। उन्होंने भीम को हजार हाथियों का बल दिया। इसी के चलते भीम अधिक बलशाली हो गए थे। 10.पौराणिक ग्रंथों के अनुसार नागलोक के राजा भीम के बाद किसी अन्य इंसान को उनके लोक में नहीं आने देना चाहते थे। इसीलिए दूसरों के प्रवेश पर रोक लगा दी। मगर गलती से अगर कोई उनके लोक पहुंच जाता है तो वो वापस कभी लौट नहीं पाता है।