1.मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार चमकी बुखार के फैलने का कारण लीची खाना हो सकता है। क्योंकि इसे खाने पर एक रसायन बच्चों के लिवर में जमा हो जाता है। जो तापमान के बढ़ने पर शरीर में फैल जाता है। जिससे बॉडी में रिएक्शन होने लगते हैं।
2.डॉक्टरों के मुताबिक अगर बच्चे को बहुत ज्यादा बुखार है और दवाई का जल्दी असर नहीं हो रहा है तो ये चमकी बुखार का संकेत हो सकता है। इस बीमारी में ज्वर लगातार बना रहता है।
लीची से है चमकी बुखार का कनेक्शन, इन 10 प्वाइंट्स में जानें कैसे बीमारी बना रहा है बच्चों को शिकार 3.इस बीमारी का मुख्य लक्षण है दांत पर दांत चढ़ना। शरीर से ज्यादा मात्रा में ग्लूकोज ( glucose ) रिलीज होने से कमजोरी आ जाती हैं जिसके चलते दांत पर दांत चढ़ जाते हैं।
4.चमकी बुखार होने पर बच्चे का शरीर सुन्न पड़ जाता है। उसकी मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं। उस पर किसी के चिमटी काटने का भी कोई असर नहीं होता है। वो इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है।
5.इस बीमारी में बच्चे के पूरे शरीर में दर्द रहता है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव पड़ता है। जिससे शरीर में सूजन तक आ जाती है। 6.इसमे बुखार कई दिनों तक बना रहता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेअसर हो जाती है। इससे पूरा शरीर कमजोर हो जाता है।
7.चमकी बुखार में बच्चा बार-बार बेहोश भी हो सकता है। क्योंकि उसके शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इससे उसे थकान लग सकती है। 8.चमकी बुखार में बच्चे की बोलने और सुनने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। क्योंकि उस दौरान शरीर और मस्तिष्क का संतुलन बिगड़ जाता है।
9.शरीर पर ज्यादा जोर पड़ने से मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। इससे मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बात गंभीर होने पर शरीर के पैरालाइज्ड होने का खतरा बढ़ जाता है। 10.चमकी बुखार से भ्रम पैदा हो सकते हैं। इससे बच्चे की याददाश्त पर भी असर हो सकता है। अगर वो बात-बात पर भूलने लगे तो ये खतरे का संकेत हो सकता है।