यह आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से कहीं ज्यादा है।
•Jan 28, 2018 / 07:59 pm•
जमील खान
उन्होंने बताया, आज के मुकाबले पहले की तुलना में चिकित्सक जोखिम लेने से डरते हैं क्योंकि हालात पहले की तरह अनुकूल नहीं रहे। पहले चिकित्सक मां के देरी से आने के बाद भी जोखिम लेकर सामान्य तरह से बच्चे को बचाने की कोशिश करते थे लेकिन बदलते हालातों में यह संभव नहीं है।
Hindi News / Dus Ka Dum / एक दशक में दोगुनी बढ़ी सजेरियन डिलीवरी